जब इंटरनेट नहीं था , तब डाक विभाग की ,अपनी अलग ही पहचान थी। लेकिन अब इंटरनेट के आ जाने से यह नहीं कि, डाक विभाग का महत्व खत्म हो गया है, बल्कि, अब डाक विभाग पहले से और, सुदृढ़ हो रहा है। समय की मांग के अनुसार, डाक विभाग में ,लगातार बदलाव किए जा रहे है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में, डाक विभाग भी लम्बी दौड़ ,लगाने के लिए तैयार दिख रहा है। डाक विभाग द्वारा जहाँ एक और , बैंक दूर गाँव में बैठे व्यक्ति के घर ,द्वार तक पहुंच चुका है उसी तरह अब ,डाक विभाग जीवन बीमा भी कर रहा है। यह जानकारी डाक विभाग के , सुपरिटेंडेंट रतन चंद शर्मा ने ,मीडिया को दी।
अधिक जानकारी देते हुए , सुपरिटेंडेंट रतन चंद शर्मा ने बताया कि, डाक विभाग द्वारा ,दो तरह के इंश्योरेंस किए जा रहे है। जिसमे पहला ,पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस है तो दूसरा, रूरल पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस है। यह सेवा खास तौर पर गांव वासियों के लिए ,आरम्भ की गई है। दोनों ही योजनाओं में कोई भी, व्यक्ति अपना जीवन बीमा करवा सकता है ,और अपनी इच्छा के अनुसार ही ,किश्त कैसे अदा करनी है ,वह निर्धारित कर सकता है। उन्होंने बताया कि, पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस ,1884 में आरम्भ की गई थी। लेकिन पहले यह सेवा, केवल कर्मचारियों के लिए थी ,उसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के, कर्मचारियों के लिए भी, खोल दिया गया था।
अब यह सेवा का लाभ, बैंक, , निजी क्षेत्र कर्मचारी, और व्यवसायी भी उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि, कोरोना के कारण ,जब समाज में काफी अस्थिरता आ गयी थी तो, नागरिकों ने ,अधिक संख्या में अपना इंश्योरेंस करवाया ,ताकि उनका परिवार , आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे।