हमलावर अंदाज में पोस्टर में लिखा, माननीय सांसद शत्रुघ्न सिन्हा जोकि बिहारी बाबू के नाम से भी जाने जाते हैं, बिहारियों के महापर्व छठ पूजा के मौके पर भी अपने लोकसभा क्षेत्र से गायब हैं। रातोंरात लगे इन पोस्टरों को लेकर भाजपा ने सिन्हा पर हमले किए हैं तो बचाव में तृणमूल कांग्रेस आ गई है।
छठ पर्व 30 अक्तूबर को नहाय खाय के साथ शुरु होकर 2 नवंबर को समाप्त होगा। छठ पर्व से ठीक पहले आसनसोल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर राजनीति गर्म है। सिन्हा के संसदीय क्षेत्र आसनसोल में शत्रुघ्न सिन्हा के ‘लापता होने’ के पोस्टर जगह-जगह लगाए गए हैं। लगे पोस्टरों में उनका ध्यान जनता की तरफ देने को कहा गया है। पोस्टरों में निवेदक की जगह ‘आसनसोल की बिहारी जनता’ लिखा गया है।
उनपर हमलावर अंदाज में पोस्टर में लिखा, माननीय सांसद शत्रुघ्न सिन्हा जोकि बिहारी बाबू के नाम से भी जाने जाते हैं, महापर्व छठ पूजा के मौके पर भी अपने लोकसभा क्षेत्र से गायब हैं। रातोंरात लगे इन पोस्टरों को लेकर भाजपा ने सिन्हा पर हमले किए हैं तो बचाव में तृणमूल कांग्रेस आ गई है। तृणमूल कांग्रेस के राज्य सचिव वी शिवदासन दासू ने कहा कि छठ पर्व के मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा अपने संसदीय क्षेत्र में जनता के बीच रहेंगे। क्षेत्र की जनता की उनके दफ्तर से हरसंभव मदद की जा रही हैं। क्षेत्र की जनता का हालचाल जानने के लिए हर माह दो बार आते है। इस बार भी छठ पर्व से पहले 29 अक्तूबर को आ रहे हैं। तृणमूल पार्षद सलीम अंसारी ने लगाए गए पोस्टर के पीछे भाजपा को बताया है। सिन्हा के संसदीय क्षेत्र में लापता होने के पोस्टर लगने का मामला सामने आया था। भाजपा नेता अमित गरई ने कहा, उन्हें बिहारीबाबू के नाम से जाना जाता है, लेकिन वह छठ पूजा से ऐन वक्त पहले अपने संसदीय क्षेत्र से गायब हैं।
बिहार से बंगाल पहुंचे सिन्हा ने उपचुनाव में प्रचंड मतों से हासिल की थी जीत
बिहार छोड़कर शत्रुघ्न सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा उपचुनाव लड़ा था। यह चुनाव छह माह पहले हुआ और इसमें प्रचंड जीत हासिल की थी। इन्होंने भाजपा प्रत्याशी को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। बिहार में मिली जीत से यह उनकी प्रचंड थी, क्योंकि उन्होंने 2009 में आरजेडी के विजय कुमार यादव को 1,66,700 वोट से हराया था। उनके सामने टीवी कलाकार शेखर सुमन ने चुनाव लड़ा था। आसनसोल में तृणमूल जीत को तरस रही थी। उनके जीत के बाद टीएमसी को बड़ी राहत मिली थी।
सिन्हा ने 2019 में छोड़ी भाजपा
सिनेमा जगत के स्टार शत्रुघन सिन्हा 1991 से भाजपा से जुड़े हुए थे। भाजपा में रहते हुए इन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली। राज्यसभा के साथ-साथ ये केंद्र में मंत्री रहे। 2014 में केंद्र में मंत्री पद न मिलने से इनकी भाजपा से दूरी बनती चली गई।