चीन में तीसरी बार सत्ता, प्रधानमंत्री ली समेत विरोधियों का सफाया… माओ के बाद जिनपिंग बने सबसे ताकतवर

Chinese Communist Party National Congress : चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की नेशनल कांग्रेस 16 अक्टूबर को शुरू हुई थी। शनिवार को यह कई बड़े बदलावों के साथ खत्म हुई। इसमें सबसे बड़ा बदलाव 205 सदस्यों वाली एक नई सेंट्रल कमिटी का गठन है जो रविवार को पोलित ब्यूरो के सदस्यों की नियुक्ति करेगी।

जिनपिंग के भाषण के साथ नेशनल कांग्रेस खत्म हो गई। आखिरी दिन हॉल में हाई वोल्टेज ड्रामा भी देखने को मिला। चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को समापन समारोह से उठाकर बाहर कर दिया गया जिस बारे में कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। बीजिंग में आयोजन बंद दरवाजों के पीछे हो रहा था जहां से बेहद सीमित जानकारी ही बाहर आ रही थी। कांग्रेस ने पार्टी के मुख्य नेतृत्व निकाय (Leadership Body) नवगठित सेंट्रल कमिटी का अनावरण किया। इसके 205 सदस्यों में से सिर्फ 11 महिलाएं हैं।

जिंदगी भर शासन की तैयारी में शी
रविवार को सेंट्रल कमिटी अपनी पहली मीटिंग में 25 कुलीन सदस्यों वाली पोलित ब्यूरो और उसकी छोटी स्टैंडिंग कमिटी की नियुक्ति करेगी। पोलित ब्यूरो चीन में निर्णय लेने वाली सबसे शक्तिशाली संस्था है। रविवार को शी जिनपिंग पार्टी के प्रमुख, जनरल सेक्रेटरी, के रूप में तीसरा राष्ट्रपति कार्यकाल हासिल कर सकते हैं, जिससे उनके आजीवन शासन का रास्ता खुल जाएगा। सात दिनों की नेशनल कांग्रेस में जिनपिंग को कोई नई उपाधि नहीं दी गई जिसका विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया गया था।

विरोधियों को उम्र से पहले ही दिया रिटायरमेंट
जिनपिंग के विरोधी प्रधानमंत्री और चीन के दूसरे शीर्ष अधिकारी ली केकियांग समेत चार नेताओं को पार्टी की नवनिर्वाचित एवं शक्तिशाली सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी से बाहर रखा गया है। 205 सदस्यों वाली सेंट्रल कमिटी में इनका नाम नहीं हैं जिसका मतलब है कि उन्हें स्टैंडिंग कमिटी में जगह नहीं मिलेगी। सरल शब्दों में कहें तो इन नेताओं को अब रिटायरमेंट दे दिया गया है। सीपीसी ने शनिवार को पार्टी संविधान में संशोधन को मंजूरी दी जिससे राष्ट्रपति शी जिनपिंग का चीनी नेता के तौर पर कद को और बढ़ाया जा सकता है।

जिनपिंग ने फेरबदल कर चला बड़ा दांव
यह फेरबदल जिनपिंग की भविष्य की तैयारियों को दिखाता है। ली केकियांग और वांग यांग को हटाने के पीछे मकसद सिर्फ उन्हें रिटायर करना या विरोधियों को अपदस्थ करना नहीं था। दोनों ही नेताओं की उम्र 67 साल है जबकि चीन में रिटायरमेंट की उम्र 68 साल है तो नियमों के मुताबिक उन्हें एक साल अभी और काम करना था। लेकिन चीन के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल की ओर बढ़ रहे जिनपिंग एक युवा टीम बनाना चाहते हैं जो अगले पांच साल और उससे आगे तक उनका आंख मूंद कर समर्थन कर सके।