नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के चेयरमैन पुष्प कमल दाहाल प्रचंड पिछले हफ़्ते शुक्रवार को तीन दिन के दौरे पर भारत आए थे.
रविवार को प्रचंड ने दिल्ली स्ठित बीजेपी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात की थी.
कहा जा रहा था कि प्रचंड की मुलाक़ात पीएम मोदी से भी होनी है लेकिन यह मुलाक़ात नहीं हुई. रविवार को प्रचंड पीएम मोदी से बिना मिले ही वापस नेपाल चले गए थे.
सीपीएन (माओवादी सेंटर) में पोलित ब्यूरो मेंबर युवराज चौंलगाईं ने बीबीसी हिन्दी से कहा कि पीएम मोदी से उनकी मुलाक़ात रविवार एक बजे दोपहर में तय थी लेकिन अचानक से रद्द करने की सूचना दी गई.
युवराज चौंलगाईं ने कहा, ”प्रचंड ने काठमांडू पहुँचने के बाद कहा कि उन्हें नहीं पता है कि नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाक़ात क्यों रद्द कर दी गई. हालांकि प्रचंड इससे नाराज़ नहीं हैं. प्रचंड ने कहा है कि नई दिल्ली में उनका स्वागत गर्मजोशी के साथ किया गया और सुरक्षा में भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई. प्रचंड ने कहा है कि बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और विदेश मंत्री एस जयशंकर से उनकी मुलाक़ात बहुत अच्छी रही.”
पीएम मोदी से मुलाक़ात नहीं होने पर नाख़ुशी जताते हुए युवराज चौंलगाईं ने कहा कि अगर व्यस्तता थी तो पहले ही बता देना चाहिए था. युवराज चौंलगाईं ने कहा कि अचानक मीटिंग कैंसल करने की ठोस वजह बतानी चाहिए थी. प्रचंड के बिना पीएम मोदी से मिले वापस नेपाल आने पर वहाँ के मीडिया में भी काफ़ी चर्चा है.
नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीएन-यूएमएल के नेता भीम रावल ने कहा है कि प्रचंड की पीएम मोदी से मुलाक़ात नहीं होना अनादर है और यह दोस्त देशों के बीच की डिप्लोमैसी के ख़िलाफ़ है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ”उच्चस्तरीय बैठक और उसके मुद्दे पहले से ही तय होते हैं. प्रचंड ने ख़ुद कहा है कि वह पीएम मोदी से नहीं मिल सके और वापस आ गए. यह तो अनादर है. नेपाल को इस ट्रेंड से बचाने की ज़रूरत है.”