Praggnanandhaa: कोई हिंदू देवता पसंद नहीं… माथे पर भभूत वाले शतरंज के तपस्वी शहंशाह की इनसाइड स्टोरी

Praggnanandhaa: इस महीने के शुरू में उनकी टीम इंडिया 2 ने मामल्लापुरम में 44वें शतरंज ओलम्पियाड में कांस्य पदक जीता था और प्रज्ञानंदा को उनके निजी प्रदर्शन के लिए कांस्य पदक मिला था। 10 अगस्त को प्रज्ञानंदा ने अपना जन्मदिन मनाया और इसके बाद कार्लसन पर जीत हासिल की और एफटीएक्स क्रिप्टो कप में उपविजेता बने।

ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंदा ने मैग्नस कार्लसन को हराकर सनसनी मचा दी

ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंदा ने मैग्नस कार्लसन को हराकर सनसनी मचा दी

माथे पर भभूत और गंभीर मुद्रा में शतरंज के बिसात को निहारते हुए 17 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंदा शतरंज चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर सनसनी मचा दी है। प्रज्ञानंदा का मैग्नस कार्लसन के खिलाफ पांच जीत, दो ड्रॉ और एक हार का रिकॉर्ड है। एफटीएक्स क्रिप्टो कप कार्लसन के खिलाफ जीत के साथ ही प्रज्ञानंदा ने शतरंज की बिसात पर मानों तूफान ला दिया है। चैंपियन चैस टूर के दूसरे सबसे बड़े मेजर में मजबूत फील्ड के बीच वह उपविजेता बनकर उभरे।

 

शतरंज के लिए तपस्वियों जैसा जीवन जी रहे हैं प्रज्ञानंदा

शतरंज के लिए तपस्वियों जैसा जीवन जी रहे हैं प्रज्ञानंदा

शतरंज की दुनिया में तेजी से उभरते हुए भारत के ग्रैंड मास्टर प्रज्ञानंदा इस खेल को लेकर इतना समर्पित हैं कि वह एक तपस्वियों जैसा जीवन जी रहे हैं। वह शतरंज के अलावा और कोई बात नहीं करते हैं। हाल ही में उन्होंने टीम इंडिया 2 के लिए मामल्लापुरम में 44वें शतरंज ओलम्पियाड में कांस्य पदक जीता था और प्रज्ञानंदा को उनके निजी प्रदर्शन के लिए कांस्य पदक मिला था

​प्रज्ञानंदा माथे पर भभूत लगा कर खेलते हैं शतरंज

​प्रज्ञानंदा माथे पर भभूत लगा कर खेलते हैं शतरंज

प्रज्ञानंदा को माथे पर भभूत लगाते हुए देखा गया है लेकिन उनकी मां बताती है कि नागालक्ष्मी बताती है कि प्रज्ञा का कोई पसंदीदा हिन्दू देवता नहीं है लेकिन वह पहली चाल चलने से पहले प्रार्थना जरूरत करते हैं। प्रज्ञा की बहन वैशाली में भी महिला ग्रैंडमास्टर है और दोनों घर में रोजाना पांच-छह घंटे शतरंज का अभ्यास करते हैं और ऑनलाइन शतरंज क्लास में भी हिस्सा लेते हैं। वह फिल्मों या टीवी शो में कोई दिलचस्पी नहीं है।

शतरंज के अलावा अन्य किसी चीज में नहीं है दिलचस्पी

शतरंज के अलावा अन्य किसी चीज में नहीं है दिलचस्पी

शतरंज के प्रति प्रज्ञा और उनकी वैशाली दिवानगी इस कदर है कि वह टीवी भी केवल तभी देखते हैं जब वे खाना खाते हैं। उनकी कोई पसंदीदा डिश या मूवी एक्टर नहीं है। वे घर का बना खाना खाते हैं। वे कभी ऑनलाइन पिज्जा या नूडल्स आर्डर नहीं करते। वे पोषक खाना खाने के प्रति सावधान रहते हैं। भाई-बहन घर में शतरंज खेलते हैं और अन्य खेलों के बारे में चर्चा करते हैं। प्रज्ञानंदा 2661 ईएलओ रेटिंग के साथ विश्व जूनियर रेटिंग में आठवें स्थान पर हैं। शतरंज के अलावा टेबल टेनिस और बैडमिंटन पसंद है। हालांकि वह कभी-कभी क्रिकेट मैच भी देख लिया करते हैं।

बहन वैशाली को देखकर खेलना शुरू किया शतरंज

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बहन वैशाली को देखकर खेलना शुरू किया शतरंज

प्रज्ञा ने अपनी बहन को देखकर शतरंज खेलना शुरू किया था। बड़ी बहन वैशाली को शतरंज कोचिंग स्कूल जाते देख प्रज्ञा भी 64 खानों के इस खेल की तरफ आकर्षित हो गए। प्रज्ञा शतरंज की बारीकियां सिखाने वाले आर बी रमेश ने कहा प्रज्ञा की शैली को यूनिवर्सल कहा जा सकता है जो न ज्यादा आक्रामक है ना ज्यादा रक्षात्मक। रमेश के अनुसार प्रज्ञा ज्यादा भावुक नहीं है और चीजों को वैसे लेता है जैसे वे आती हैं।