ढाई घंटे तक पहले लाभार्थियों से सवाल जवाब किए, फिर प्रेस कॉन्फ्रेस में मोदी सरकार की नीतियों का बखना किया. इसी बीच जब मीडिया ने सवाल पूछा तो नाराज केंद्रीय मंत्री प्रेंस कॉन्फ्रेंस ही छोड़ कर चले गए. मामला हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में सामने आया है. यहां पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार चंबा पहुंचे थे.
चंबा के बचत भवन में केंद्रीय मंत्री ने जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से आए उन लोगों से बातचीत की, जिन्हें मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है. इसके बाद उन्होंने करीब दो बजे प्रेसवार्ता की. करीब एक घंटे से भी ज्यादा का समय लेते हुए उन्होंने केंद्र सरकार की उन सभी योजनाओं के बारे में बताया, जोकि केंद्र सरकार के आठ साल के कार्यकाल में लागू हुई.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार से जब पत्रकारों ने चंबा मेडिकल कॉलेज में अनियमिताओं के बारे में पूछा गया तो मंत्री जबाव नहीं दे सके और नाराज होकर चले गए.
इससे पहले, करीब ढाई घंटे तक केंद्रीय मंत्री ने लाभार्थियों से सवाल-जबाव किए. उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार गरीबों के लिए समर्पित है. इससे पूर्व की सरकारों ने गरीबों से कई वायदे किए, पर उन्हें पूरा नहीं किया.
चंबा है देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल
गौरतलब है कि चंबा हिमाचल का इकलौता ऐसा जिला है, जो कि देश के पिछड़े जिलों में शुमार है. इस जिले की चिकित्सा व्यवस्था का आलम यह है कि वर्तमान में इस जिला में एक भी स्त्री रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं है. मेडिकल कॉलेज चंबा को छोड़कर जिला के अन्य किसी भी सरकारी चिकित्सा संस्थान में अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है. मेडिकल कॉलेज चंबा में एमआरआई और सिटी स्कैन की मशीन तो स्थापित हो चुकी है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की कमी के चलते यह सुविधाएं पाने के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है.