चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने बिहार में अपनी ‘जन स्वराज यात्रा’ के दौरान कांग्रेस को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
अंग्रेज़ी अख़बार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के मुताबिक़, वैशाली ज़िले में आरजेडी के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के घर पर उनको श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को लेकर कह दिया कि कांग्रेस ‘ख़ुद तो डूब ही रही है, हमको भी डुबो देगी.’
प्रशांत किशोर ने इस दौरान कहा कि चुनावी रणनीतिकार के रूप में उन्होंने 10 साल में 11 चुनावों की योजनाएं बनाईं लेकिन वो सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में हारे जहां पर वो कांग्रेस के साथ थे.
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उन्होंने कहा, “2015 में बिहार गठबंधन का चुनाव कराया, 2017 में पंजाब का चुनाव जीते, 2019 में जगनमोहन रेड्डी के साथ आंध्र प्रदेश का चुनाव जीता, 2020 में केजरीवाल के साथ दिल्ली जीते, 2021 में तमिलनाडु और बंगाल जीते. 2017 में सिर्फ़ एक चुनाव यूपी का हार गए क्योंकि कांग्रेस के साथ थे इसीलिए तय कर लिया कि कांग्रेस के साथ काम नहीं करेंगे.”
प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘कांग्रेस के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है लेकिन कांग्रेस की जो वर्तमान व्यवस्था है वो ऐसी है कि ख़ुद तो डूब रहा है और हमको भी डुबो देगा. 2011 से 2021 के बीच 11 चुनाव से जुड़ा रहा हूं सिर्फ़ एक ही चुनाव हारे जो यूपी में कांग्रेस के साथ था. इसके बाद तय किया कि इन लोगों के साथ काम कभी नहीं करेंगे क्योंकि यह मेरा ट्रैक रिकॉर्ड ख़राब करता है.”
श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी इस मुद्दे पर ली भारत से सलाह
श्रीलंका के बाद बांग्लादेश ने अब सस्ते रूसी तेल को ख़रीदने के लिए इच्छा जताई है और किसी भी प्रतिबंध से बचने के लिए उसने भारत की सलाह मांगी है.
अंग्रेज़ी अख़बार ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ के मुताबिक़ बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन ने सोमवार को भारत से सलाह मांगी कि वो रूस से किस तरह से तेल ख़रीद पा रहा है. उन्होंने साथ ही यह भी माना कि ऊर्जा का मुद्दा बांग्लादेश के लिए एक चुनौती बन चुका है.
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हाल ही में भारत के दौरे से लौटने वाले मोमिन ने ढाका में पत्रकारों से बात की है. उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाक़ात के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने साथ में एक कार्यक्रम में भाग लिया और रूस से बांग्लादेश के तेल ख़रीदने के मुद्दे को सुलझाने को लेकर एक बैठक की.
मोमिन ने कहा कि रूस ने बांग्लादेश को तेल और गेहूं दोनों का प्रस्ताव दिया है. यहां यह भी बता देना ज़रूरी है कि रूस बांग्लादेश में एक परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थापित कर रहा है जिसमें भारत एक तकनीकी भूमिका अदा कर रहा है.
अमेरिका का नाम लिए बिना मोमिन ने कहा, “आप देख रहे हैं कि वो हमें सलाह दे रहे हैं और आप (पत्रकार) भी उन्हें प्रेरित कर रहे हैं. हर दिन वो एक नए मुद्दे के साथ आते हैं. हम उन्हें विकास सहयोगी कहना पसंद करते हैं. वो विकास के लिए कुछ देते नहीं हैं बस सलाह देते रहते हैं.”
मोमिन ने यह भी कहा कि उन्होंने जयशंकर से बात की है कि किस तरह से क्षेत्रीय संगठनों को और मज़बूत किया जाए ताकि मुद्दों को क्षेत्रीय स्तर पर ही सुलझा लिया जाए और स्थिरत और सुरक्षा बनी रहे. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश नहीं चाहता है कि बहुपक्षवाद कमज़ोर हो.
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हाल ही में श्रीलंका भारी तेल संकट से जूझ रहा था और उसने देश की तेल रिफ़ाइनरियों को शुरू करने के लिए रूसी तेल आयात किया था. श्रीलंका ने 7.3 करोड़ डॉलर का तेल रूस से लिया है और वो अतिरिक्त कच्चा तेल, गैस और कोयले के लिए रूस से बात कर रहा है.
दूसरी ओर पश्चिम के दबाव के बावजूद भारत रूसी तेल ख़रीद रहा है. फ़रवरी से अब तक भारत रूस से 3.4 करोड़ बैरल कच्चा तेल सस्ते दाम पर ले चुका है.