प्रयागराज: कब्रिस्तान पर अवैध कब्ज़ा कर बैठ गया शख़्स, नगर निगम ने भी उसके नाम कर दी ज़मीन

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यूपी सरकार भले ही प्रदेश में भू माफियों पर लगाम लगाने के दावे करती हो, लेकिन अवैध कब्जे की खबर लगातार निराश करने वाली है. प्रयागराज में चकिया स्थित छोटी करबला पर शिया समुदाय का एक कब्रिस्तान है. जहां पिछले कुछ वर्षों से एक बालू कारोबारी का कब्ज़ा है. हद तो तब हो गई जब कब्रिस्तान कमेटी ने इसकी शिकायत प्रशासन से की, तो उन्हीं पर मुकदमा दर्ज हो गया. नगर निगम ने उस व्यक्ति के नाम कब्रिस्तान की प्रॉपर्टी लिख भी दी.

कब्ज़ा हटाने के लिए आए दर्जनों आदेश, मगर…

मिली जानकारी के अनुसार, इस कब्ज़े को हटाने के लिए शासन और प्रशासन के विभिन स्तर से अब तक दर्जन भर से ज़्यादा आदेश हो चुके हैं. बावजूद इसके प्रशासन ने अपने ही विभाग द्वारा दिए आदेश पर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है.

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कब्रिस्तान कमेटी के सचिव श्री अज़हर हुसैन बताते हैं कि वो कोषाध्यक्ष मेंहदी अब्बास एवं समुदाय के अन्य सभ्रान्त लोग कलेक्टर, कमिशनर, नगर मजिस्ट्रेट, अपर जिलाधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक, एडिशनल डायरेक्टर जनरल प्रयागराज से मिलकर क़ब्रिस्तान को भू माफिया से आज़ाद कराने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब अवैध कब्जाधारी अबू तालिब के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है.

सामाजिक कार्यकर्ता श्री शौकत भारती के अनुसार, “प्रशासन ये कह कर अपना पल्ला झाड़ लेता है कि कब्रिस्तान वक्फ की संपत्ति है इसलिए इंतेज़ामिया कमेटी पहले वक्फ़ बोर्ड से धारा 55 का नोटिस ले कर आए. उधर शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ये कह कर पल्ला झाड़ लेता है के ये नोटिस, बोर्ड का सीईओ जारी करेगा जिसकी अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है, जबकी किसी भी जिले के जिलाधिकारी स्वयं वक़्फ़ संपत्ति के कस्टोडिअन होते हैं और किसी किस्म के अवैध कब्ज़े को हटवाने में पूर्णतः सक्षम हैं.”

कब्रिस्तान कमेटी के लोगों का कहना है कि इस प्रकरण में पूर्व पुलिस महानिरीक्षक दो बार खुल्दाबाद थाने को अतिक्रमण हटाने का आदेश कर चुके हैं, मगर अतिक्रमण हटाने के बजाय खुल्दाबाद थाने ने कब्रिस्तान कमिटी के सदस्यों के खिलाफ ही धारा 107 /116 में मुक़दमा दर्ज कर दिया है.

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नगर निगम ने भी बालू व्यापारी के नाम कर दिया कब्रिस्तान

इसको लेकर कमेटी कोषाध्यक्ष अधिवक्ता श्री मेंहदी ने आरोप लगाया है कि खुल्दाबाद पुलिस ने बिलकुल झूठा और मनगढ़ंत मुक़दमा लिखा है. कमेटी का कोई ही सदस्य मौक़े पर गया ही नहीं और सिर्फ अपनी गुहार पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के पास ही लेकर वर्षों से जा रहे हैं. हद तो तब हो गई जब भूमाफिया अबू तालिब ने क़ब्रिस्तान को बतौर अपनी निजी संपत्ति प्रयागराज नगर निगम में दर्ज करवा लिया था. हालांकि, क़ब्रिस्तान की इंतेज़ामिया कमेटी ने काफी भाग दौड़ के बाद शिक़ायत करके उसका नाम कटवाया.

कब्रिस्तान कमेटी ने आरोप लगाया है कि बालू व्यापारी अबू तालिब ने क़ब्रिस्तान के बड़े हिस्से में जो क़ब्रें थीं उनको तोड़ कर अपना बालू गिट्टी और ईंटे का व्यापार जमा लिया है, जबकी सिर्फ उसका कब्ज़ा ही अवैध नहीं है बल्कि उसका व्यापार भी अवैध है, जिसका कोई शुल्क रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता क्योंकि वो क़ब्रिस्तान की भूमी पर है.