हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इको क्लब के छात्र घरों और स्कूलों से “सिंगल यूज प्लास्टिक” कचरे को इकट्ठा कर आमदनी हासिल कर सकते है। कचरे को स्कूल के इको क्लबों में जमा करवाना होगा। हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद ने 1 जुलाई से एकल-उपयोग (Single Use) वाले प्लास्टिक (Plastic) पर प्रतिबंध लगाने के साथ प्लास्टिक कचरे के लिए एक “बायबैक” नीति तैयार की है।
बायबैक योजना के लिए प्रत्येक जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से लगभग 10 स्कूलों की पहचान की गई है। कक्षा छठी से आगे के छात्र क्लबों के सदस्य हैं।
राष्ट्रीय हरित वाहिनी के लिए राज्य नोडल एजेंसी होने के नाते, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा परिकल्पित एक कार्यक्रम,के तहत HIMCOSTE ने 3,000 स्कूलों और 100 कॉलेजों में इको क्लब का गठन किया हुआ है।योजना का मकसद शिक्षकों, बच्चों, समुदाय आधारित संगठनों और आम जनता के बीच प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। हालांकि कतई भी ये उद्देश्य नहीं है कि छात्र सड़कों से कचरा उठाएं।
एकत्र किए गए कचरे को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से सड़क निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा और सीमेंट संयंत्रों को भी भेजा जाएगा जहां इसे ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। क्लबों का नेतृत्व करने वालों को कचरे के संग्रह और अंतिम निपटान के लिए संबंधित नागरिक निकायों और खंड विकास अधिकारी के साथ समन्वय करना होगा।