आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा है कि आरडब्ल्यूए और सोसायटी के निवासी खाली हुई जमीन पर किसी निर्माण के लिए बिल्डर को सहमति नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि टि्वन टावर की जमीन पर एक छोटा ग्रीन पार्क, छोटे बच्चों के खेलने का मैदान और एक मंदिर बनाने की योजना है। इसके लिए जल्द ही बैठक कर पूरी सोसायटी के निवासियों की सहमति ली जाएगी।
नोएडा: सुप्रीम कोर्ट तक बिल्डर से कानूनी लड़ाई लड़कर टि्वन टावर जमींदोज करवाने वाली सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी की आरडब्ल्यूए ने नया ऐलान किया है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा है कि आरडब्ल्यूए और सोसायटी के निवासी खाली हुई जमीन पर किसी निर्माण के लिए बिल्डर को सहमति नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि टि्वन टावर की जमीन पर एक छोटा ग्रीन पार्क, छोटे बच्चों के खेलने का मैदान और एक मंदिर बनाने की योजना है। इसके लिए जल्द ही बैठक कर पूरी सोसायटी के निवासियों की सहमति ली जाएगी।
गौरतलब है कि सेक्टर 93ए में टि्वन टावर करीब 7500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने हुए थे। अथॉरिटी अधिकारियों के मुताबिक, यह जमीन बिल्डर ने अभी सोसायटी को हैंडओवर नहीं की थी। इस पर मालिकाना हक अभी बिल्डर का है, लेकिन बिल्डर अगर कोई निर्माण करवाना चाहेगा तो उसकी सहमति पूरी सोसायटी के दो तिहाई निवासियों से लेनी होगी।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने कहा कि बिल्डर के खिलाफ और मुद्दों पर सोयायटी निवासियों की लड़ाई और आगे बढ़ाई जाएगी। आगे के मुद्दे क्या होंगे इस सवाल पर यूबीएस तेवतिया ने बताया कि सोसायटी का करीब 5 करोड़ रुपये इंट्रेस्ट फ्री मेंटेनेंस सिक्यॉरिटी (आईएफएमएस) फंड बिल्डर ने वापस नहीं किया है।
इसके साथ ही, यह जानकारी मिली है कि टि्वन टावर निर्माण के लिए करीब 25 करोड़ रुपये से फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बिल्डर ने नोएडा अथॉरिटी से खरीदा था। अब टि्वन टावर ढह गए हैं इसलिए एफएआर का उपयोग ही नहीं हुआ है। अब आरडब्ल्यूए की मांग यह है कि आईएफएमएस फंड का पैसा बिल्डर से वापस दिलवाया जाए।
इसके साथ ही एफएआर को नोएडा अथॉरिटी में जमा हुए 25 करोड़ रुपये वापस सोसायटी को दिलवाए जाएं। इस रकम से सोसायटी की मजबूती और ग्रीनबेल्ट के काम आरडब्ल्यूए करवाएगी। इन मांगों को लेकर आरडब्ल्यूए सीएम योगी आदित्यनाथ के पास जाएगी। तेवतिया ने बताया कि उनको व सोसायटी के निवासियों को उम्मीद है कि सीएम इन मांगों को पूरी करवाएंगे।
पूरी अथॉरिटी बिल्डर के पक्ष में थी
टि्वन टावर खड़े करवाने में हुए भ्रष्ट्राचार में नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन 24 अधिकारी आरोपी हैं। इनमें सीईओ, एसीईओ से लेकर प्लानिंग असिस्टेंट तक के नाम हैं। टि्वन टावर अब ढहे चुके हैं, लेकिन इन आरोपी अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई कागजी रही है। इसको लेकर सोसायटी के निवासियों में कसक है।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने बताया कि मुझसे पूछा कि उस समय अथॉरिटी में हमारी सोसायटी के साथ कैसा व्यवहार होता था। पूरी अथॉरिटी सुपरटेक के पक्ष में थी। हमें आरटीआई में लेआउट की कॉपी तक नहीं दी गई। अपीलीय अधिकारी से कह दिया गया कि बिल्डर प्लान की कॉपी नहीं दी जा सकती। इसके बाद हाईकोर्ट मामला पहुंचा तब नक्शे और रिवाइज लेआउट प्लान की कॉपी मिली।
तेवतिया ने कहा कि जब फ्लैट बेचे गए थे तो बिल्डर ने पहले लेआउट में टि्वन टावर के पास ग्रीन एरिया और एक छोटा सा 23 फ्लैट का टावर दिखाया था। फिर अधिकारियों ने नियम कानून ताक पर रखकर मंजूरी दी। अथॉरिटी के आरोपी अधिकारियों के भ्रष्ट्राचार के सबूत आरडब्ल्यूए के पास हैं। अगर शासन चाहे तो वह उपलब्ध करवा देंगे।
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550 परिवार वापस अपने फ्लैट में आए
टि्वन टावर ढहाने को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी रविवार को खाली करवाई गईं थी। एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने बताया कि टावर ढहाए जाने या ब्लास्ट के दौरान एमराल्ड कोर्ट में कोई स्ट्रक्चरल समस्या नहीं हुई है। कुछ घरों में खिड़कियों की कांच जरूर टूटी है।
अथॉरिटी ने सफाई सोसायटी के अंदर और छत पर भी करवा दी है। लोग तेजी से अपने फ्लैट में वापस लौट रहे हैं। मंगलवार दोपहर 2 बजे तक 660 में 550 परिवार अपने फ्लैट में वापस लौट चुके थे। बाकी के जो टूर प्लॉन कर गए थे वह अपने हिसाब से वापस लौटेंगे।