थोड़ा सा धैर्य रखने की ज़रूरत है, बड़े से बड़े विपत्ति भी टल जाती है. किसी के लिये विपत्ति टलने में 14 दिन लग सकते हैं तो किसी को 14 साल. असली वीर वही है जो हार न माने. कांजीरामकुलम, तीरुवनंतपुरम (Kanjiramkulam, Thiruvananthapuram) की एनी शिवा (Annie Siva) की कहानी भी बिल्कुल ऐसी ही है. एनी के सामने दुनिया की तमाम मुश्किलें आईं लेकिन उसने हार नहीं मानी. आज मेहनत और जुनून के दम पर वो सब इंस्पेक्टर बन चुकी है.
पार्टनर ने बेटे के साथ अकेले छोड़ा
18 वर्षीय एनी, केएनएम गवर्मेंट कॉलेज, कांजीरामकुलम में फ़र्स्ट ईयर की छात्रा थी. परिवार की इच्छा के विरुद्ध वो अपने बॉयफ़्रेंड के साथ रहने लगी. एनी ने एक बेटे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के 6 महीने बाद ही एनी को उसके पार्टनर ने छोड़ दिया. एनी सड़क पर आ गई और बेसहारा हो गई.
परिवार ने भी नहीं दिया साथ
Mathrubhumi की रिपोर्ट के अनुसार, एनी अपने परिवार के पास वापस लौटी लेकिन उसके परिवार ने भी उसे नहीं अपनाया. एनी अपने बेटे के साथ अपनी दादी के घर के पीछे बनी झोपड़ी में रहने लगी.
आईसक्रीम बेच कर किया गुज़ारा
एनी ने कई छोटे-मोटे काम करके अपना और अपने बेटे का पेट पाला. उसने घर-घर जाकर डिलीवरी का काम किया, करी पाउडर, साबुन बेचे. उसने बतौर इंश्योरेंस एजेंट काम किया, छात्रों के लिये प्रोजेक्ट, रिकॉर्ड्स बनाये. त्यौहारों के समय एनी ने वेंडर्स के साथ मिलकर आईसक्रीम और लाइम जूस भी बेचा.
काम, बेटा और पढ़ाई संभाली
एनी ने बेटे की ज़िम्मेदारी संभालने के साथ ही पढ़ाई भी जारी रखी. एनी ने पढ़ाई नहीं छोड़ी और समाजशास्त्र (Sociology) में ग्रेजुएशन कर लिया. अपने बेटे शिवासूर्य के साथ वो कई जगहों पर रही.
मर्दों की तरह दिखने के लिए काटे बाल
एनी ने मर्दों की तरह दिखने के लिए अपने बाल काट लिए. समाज के प्रश्नों पर अंकुश लगाने के लिए और आस-पास के लोगों के सवालों का आसान जवाब देने के लिए एनी ने ये रास्ता चुना. एनी चाहती थी कि आस-पास के लोग उसे शिवासूर्य का बड़ा भाई या पिता समझे.
दोस्त की हिदायत पर दी SI परिक्षा
2014 में एनी ने तीरुवनंथपूरम के कोचिंग सेन्टर में एडमिशन लिया और महिला SI(Sub Inspector) की परीक्षा दी. 2016 में एनी महिला पुलिस बनी और 2019 में उसने SI की परीक्षा पास कर ली. 25 जून, 2021 को वर्कला पुलिस स्टेशन में बतौर SI एनी की पोस्टिंग हुई.
एनी ने अपनी कहानी फ़ेसबुक पर शेयर की है. एनी ने कहा कि “जब तमाम मुश्किलों का सामना कर एक औरत कुछ बनती है तो समाज उस पर दया दिखाकर उसके बारे में झूठी बातें फैलाता है. इसलिए मैं और मेरा बेटा बड़े भाई और छोटे भाई की तरह रहते हैं.”
एनी शिवा (Annie Siva) की ने रामधारी सिंह दिनकर की ये पंक्तियां सच कर दिखाई,