प्रेरणा: जब ट्रांसजेंडर समुदाय ने साबित किया कि अगर मौके दिए जाएं, तो वो बहुत कुछ कर सकते हैं
जहां सरकार नए कानून और संशोधन के ज़रिए ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को मान्यता दे रही है, वहीं आज भी ये कम्युनिटी समाज का मेनस्ट्रीम हिस्सा बनने के लिए स्ट्रगल कर रही है.
सच्चाई यह है कि आज भी एक बड़ी संख्या में ये समुदाय भीख, देह व्यापार और शुभ अवसरों पर मिले दान पर निर्भर रहने को मजबूर है. लेकिन, कुछ लोग हैं जो इस तस्वीर को बदलने में लगे हैं. यह लोग निजी स्तर पर समाज की सोच बदलने और किन्नर समुदाय को आगे बढ़ने के मौके दे रहे हैं.
सिक्योरिटी गार्ड बने 5 ट्रान्सजेंडर
ओडिशा के मल्कानगिरी ज़िला अस्पताल (DHH) में 5 ट्रांसजेंडर को बतौर सिक्योरिटी गार्ड नियुक्त किया गया. दुर्गा, सोनाली, तुषार, कैलाश और हायल को महिला, गायनोकोलॉजी और बाल विभाग के वॉर्ड में तैनात किया गया. उन्हें 6 से 7 हज़ार रुपये महीने की सैलरी मिलगी. इसके साथ ही इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी. इन ट्रांसजेंडर्स को निर्मल स्कीम के अंतर्गत नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति से पहले मल्कानगिरी ज़िला पुलिस उन्हें ट्रेनिंग भी देगी.
भारत की पहली 5-स्टार रेटेड कैब ड्राइवर
ट्रांसजेंडर रानी किरण, UBER (कैब कंपनी) के लिए भारत की पहली 5-स्टार रेटेड कैब ड्राइवर हैं. इससे पहले रानी ऑटो रिक्शा ड्राइवर थीं. बाद में उन्होंने पुरी में रथ यात्रा के दौरान एम्बुलेंस ड्राइवर बनने के लिए वॉलंटियर किया. न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में रानी ने कहा, “मैंने 2016 में ऑटो ड्राइविंग शुरू की. लेकिन, इससे मुझे कोई फ़ायदा नहीं हुआ क्योंकि लोग मेरे ऑटो में जाना पसंद नहीं करते थे. लेकिन, साल 2017 में मैंने पुरी में रथ यात्रा के दौरान एम्बुलेंस ड्राइवर बनने के लिए वॉलंटियर किया.”
रानी को मल्टीनेशनल कंपनी के लिए कैब ड्राइविंग का आईडिया एक Ex-Uber कर्मचारी ने दिया. इसी व्यक्ति ने उन्हें Uber के साथ पार्टनर ड्राइवर के तौर पर जुड़ने की सलाह दी. रानी ने इसके बाद इंटरव्यू क्लियर कर लिया, ख़ुद की कार ख़रीदी और अपना काम शुरू किया.
पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर
भारत में कॉमन सर्विस सेंटर की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर के रूप में जोया खान की नियुक्ति हुई. गुजरात के वडोदरा में ज़ोया खान का मकसद ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को डिजिटल युग से परिचित कराने समेत उन्हें इसके साथ जीवन जीना सिखाना है. ज़ोया खान गुजरात के वडोदरा ज़िले से कॉमन सर्विस सेंटर की भारत की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर हैं. उन्होंने टेलीमेडिसिन परामर्श के साथ सीएससी काम शुरू किया है. उनका विजन ट्रांसजेंडर समुदाय को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करने का है.
नोएडा में खुला एक ‘ख़ास कैफ़े’
Urooz Hussain ने नोएडा के सेक्टर 119 में अपना कैफ़े खोला है. इस कैफ़े का नाम है ‘Street Temptations’.
ANI से बात करते हुए हुसैन ने कहा, “मुझे अपने वर्कप्लेस पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था, इसलिए मैंने अपना कैफे शुरू करने का फ़ैसला किया, जो सभी के साथ समान व्यवहार करता है. मुझे उम्मीद है कि यह मेरे समुदाय के अन्य लोगों को प्रेरित करेगा. लोगों ने मुझे यहां स्वीकार किया, उन्होंने मुझ पर प्यार बरसाया.”
हुसैन ने हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में समेत और कई नौकरियां कीं. उन्होंने कहा, “यह कैफे सभी लिंगों के लिए उत्पीड़न-मुक्त है, उन्हें उस चीज़ का सामना नहीं करना पड़ेगा, जो मैंने किया है. यह मेरे माता-पिता को मुझ पर गर्व करने के लिए है.”
ट्रांसजेंडर द्वारा चलाया जाने वाला देश का पहला डेरी फार्म
सड़कों पर भीख मांगने के बाद भूमिका नाम की एक ट्रांसजेंडर को अंतत: ट्रांसजेंडर्स द्वारा चलाए गए भारत के पहले डेयरी फार्म के प्रमुख के रूप में एक सुरक्षित भविष्य मिल गया है. राज्य समर्थित ट्रांसजेंडर्स मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी ने पिछले महीने तमिलनाडु के दक्षिणी राज्य में औपचारिक रूप से अपने दरवाजे खोले. इस साझा एंटरप्राइज में 30 ट्रांस महिलाओं को एक व्यक्तिगत निवास, एक गाय दी गयी है.
भूमिका ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, “मैंने पांच साल तक ट्रेनों में भीख मांगी. जीवन मुश्किल था. हर किसी ने अजीब तरीके से हमें देखा. हम अभी भी डेयरी फार्म के बाहर अभी भी वैसे ही देखा जाता है, लेकिन अंदर मैं एक सामान्य जीवन, गरिमा का जीवन जीने में सक्षम हूं.”
‘मिस इंटरनेशनल ट्रांस 2021’ में हिस्सा लेने वाली ट्रांसजेंडर मॉडल
22 साल की ट्रांस महिला आर्ची सिंह मॉडल की दुनिया में नाम कमाने के बाद कोलंबिया में आयोजित होने वाली ‘मिस इंटरनेशनल ट्रांस 2021’ में वो भारत का प्रतिनिधित्व किया करेंगी. राजधानी दिल्ली में पैदा हुई आर्ची को स्कूल के दिनों से ही उन्हें महसूस होने लगा था कि उनके अंदर महिलाओं के गुण हैं.
बड़े होने पर उन्होंने अपनी सर्जरी करा ली ताकि आगे बढ़ सकें. सर्जरी के बाद जब अर्ची पूरी तरह से महिला दिखने लगीं तो उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में अपना कदम रखा. मिस इंडिया ट्रांस का खिताब जीतकर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं थीं. उन्हें कई कंपनियों ने अपना ब्रांड एंबेसडर भी बनाया. अर्ची कई फैशन शोज में भी नज़र आईं.
ट्रांसजेंडर द्वारा चलाया जाने वाला रेस्टोरेंट
तमिलनाडु के कोयम्बटूर में Covai Trans Kitchen नाम से एक रेस्टोरेंट को ट्रांसजेंडर्स चला रहे हैं. 38 सीटर इस रेस्टोरेंट में खाना बनाने, काउंटर पर बैठने, हिसाब-किताब करने और लोगों को सर्व करने का काम भी 10 लोगों की टीम के ज़िम्मे होगा. ये सभी ट्रांसजेंडर हैं. इस रेस्टोरेंट के 10 लोगों की ये टीम उन 50 लोगों में शामिल थी, जिन्हें होटल मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत 20 दिनों की ट्रेनिंग दी गई थी.
इनमें से कुछ को बहुत बेसिक कुकिंग आती थी लेकिन इस ट्रेनिंग के बाद ये साइड डिश, मेन कोर्स और बेक करना भी सीख गए हैं. खाना बनाने के साथ-साथ इन्हें एक होटल या रेस्टोरेंट को मैनेज करने के गुर भी सिखाये गए.
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