राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय लेखा परीक्षा व लेखा अकादमी द्वारा आयोजित भारतीय लेखा परीक्षा व लेखा सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति ने कहा कि नियंत्रक महालेखा परीक्षक और भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के अधिकारियों के रूप में कार्य करना सभी प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए गर्व की बात है। इसके माध्यम से उन्हें जवाबदेही व पारदर्शिता के सिद्धांतों को क्रियान्वित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। लेखा परीक्षा के इस सर्वोच्च संस्थान की भूमिका केवल निरीक्षण तक ही सीमित नहीं है बल्कि नीति निर्माण में आवश्यक सहयोग प्रदान करना भी है। भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग और उसके सक्षम अधिकारियों के माध्यम से नियंत्रक, महालेखा परीक्षक (कैग) इन दोनों ही उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कर रहा है।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों का आह्वान कि संविधान के आदर्शों को बनाए रखते हुए वे राष्ट्र निर्माण में पूरी निष्ठा एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि वित्तीय एकरूपता व जवाबदेही तथा सरकार के विभिन्न अंगों द्वारा सार्वजनिक संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करने में भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा की देश भर में व्यापक पहचान है।
इससे पहले, उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक परवीन मेहता ने राष्ट्रपति का स्वागत किया और प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में अवगत करवाया।महानिदेशक, लेखा परीक्षा एवं लेखा, मनीष कुमार ने राज्यपाल एवं शिक्षा मंत्री को सम्मानित किया। प्रशिक्षु अधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान के अपने अनुभव भी साझा किए। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।