हिमाचल प्रदेश में अब पुजारी, ग्रंथी, मौलवी और पादरी के लिए भी न्यूनतम मासिक मानदेय तय किया गया है। पंजीकृत मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों और चर्चों में जहां इन्हें भोजन, चाय और आवास की सुविधा नहीं मिल रही है, वहां इन्हें 12,191 रुपये मासिक और जहां सुविधाएं मिल रही हैं, वहां इन्हें 11,205 रुपये मानदेय मिलेगा। दोनों ही मामलों में न्यूनतम दिहाड़ी 406.36 और 373.51 रुपये तय की गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम आरडी धीमान ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। श्रम विभाग की इस अधिसूचना के अनुसार उक्त धार्मिक स्थलों में कार्यरत कुक, वरिष्ठ अतिथि सहायक, रिसेप्शनिस्ट, स्टोर कीपर, लेखा क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कोषाध्यक्ष आदि को कुशल कामगार की श्रेणी में रखा गया है।
इन्हें भी पुजारी, पंडित, मौलवी, ग्रंथी, पादरी के समान मानदेय मिलेगा। वहीं, उच्च कुशल श्रमिकों में पर्यवेक्षक, अधीक्षक, रागी, बजंतरी, भजन गायक, स्टेनोग्राफर और अकाउंटेंट को शामिल किया गया है। इन्हें सुविधा वाले संस्थानों में 391.38 रुपये की दिहाड़ी के साथ मासिक 11,741 रुपये और बगैर सुविधा वाले संस्थानों में 422.85 रुपये की दिहाड़ी के साथ 12,686 रुपये का मेहनताना मिलेगा।
अकुशल कामगारों में चपाती बनाने वाले, स्वीपर, रूम ब्वाय, कनिष्ठ अतिथि सहायक, मंदिर सहायक, भोग कक्ष सहायक, सभागार सहायक, सेवादार, सुरक्षा गार्ड, माली, सहायक स्टोर कीपर, सहायक स्टोर मुंशी और शिकायत सहायक को सुविधाएं न मिलने वाले धार्मिक स्थल में 11,098 और सुविधा वाली जगह 10,174 रुपये का मासिक मानदेय मिलेगा। अकुशल कामगारों में चपरासी, मसालची, कार्यालय सहायक और बेलदार को 350 रुपये की दिहाड़ी के हिसाब से न्यूनतम 10,500 रुपये का मासिक मानदेय देना होगा।