Farmers are not getting fertilizer from snowfed farmers

मांगे नहीं मानी तो 3 मई से नहीं चलेगी निजी बसें

कोरोना  हर वर्ग पर कहर बनकर टूट रहा है | आम जनता ,शिक्षण संस्थान , व्यापारी हो या निजी बस ऑपरेटर सभी वर्ग इस से प्रभावित हुए हैं |   निजी बस चालकों का मानना है कि  जब से कोरोना काल आरम्भ हुआ है तभी से वह लगातार घाटा सहन करते आ रहे हैं | अब वह और घाटा सहन करने की स्थिति में नहीं है | उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें 50 प्रतिशत सवारियों के साथ चलने के आदेश दिए हैं और नियम की पालना न करने पर भारी भरमक जुर्माने का प्रावधान भी किया है | इस लिए वह घाटे में बसें नहीं चलाना चाहते है वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें कोई राहत प्रदान करे ताकि वह बसों को आम जनता की सेवा के लिए चला सकें | 

                  बस संचालकों ने कहा कि जिला में पहले की तरह सवारियां नहीं है | ऊपर से सरकार ने 50 प्रतिशत सवारियां का नियम बना दिया है | उस से अधिक सवारियां होगी तो चालान किया जाएगा | उन्होंने कहा कि वह अब और हानि अपने व्यवसाय में नहीं सह सकते है | इस लिए वह चाहते है कि सरकार उन्हें टैक्स में राहत प्रदान करे अन्यथा वह तीन मई से बसों को नहीं चलाएंगे |  वह मजबूरी में यह कदम उठाने पर मजबूर है |  उन्होंने कहा कि सरकारी नियमों की वजह से वह अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं निकाल पा रहे हैं |