असफलता का यह मतलब नहीं है कि आप असफल हो चुके हैं. इसका बस यह मतलब है कि आप अभी तक सफल नहीं हुए हैं. MP के शिवपुरी की रहने वाली प्रियंका दांगी ने इसे साबित कर दिया है. बचपन में ही प्रियंका के सिर से पिता का साया उठ गया था. उनकी मां ने अकेले ही उन्हें बड़ा किया. पिता का सपना था बेटी कुछ बड़ा करे, प्रियंका ने इसके लिए खूब मेहनत की, वो 5 बार असफल हुईं लेकिन हारी नहीं. अब वो जज की कुर्सी पर बैठने जा रही हैं.
शिवपुरी की प्रियंका दांगी की Success Story
प्रियंका ने अपने स्वर्गीय पिता रघुबीर सिंह दांगी के सपने को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष किया. इस सफर में प्रियंका की मां पुष्पा दांगी ने बेटी का हर कदम पर सपोर्ट किया. वो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहीं. प्रियंका ने साल 2016 में वकालत की पढ़ाई पूरी कर ली थी. इसके बाद सिविल जज की परीक्षा में बैठीं, जिसमें उन्हें असफलता मिली. आगे भी वो चार बार सफलता नहीं हो पाईं. हालांकि, प्रियंका ने मेहनत करना बंद नहीं किया.
प्रियंका दांगी ने स्वर्गीय पिता का सपना किया पूरा
प्रियंका के अनुसार साल दर साल उसका साहस और बढ़ता चला गया. इसी का परिणाम है कि छठवीं बार में उसने MP में 51 रैंक हासिल कर शिवपुरी का नाम रोशन किया है. अब वो सिविल जज की कुर्सी पर बैठने जा रही है.