प्रदेश में सर्दियां शुरू हो चुकी है और हमीरपुर शहर के लोगों को आग सेकने और दूसरे कामों में इस्तेमाल होने वाली बालन का खरीद कर लेने का कहीं कोई इंतजाम नहीं है। हमीरपुर मुख्यालय में डीएफओ दफ्तर में सरकारी सेल डिपू बालन का था लेकिन अब वह भी बंद हो चुका है जिसके चलते लोगों को बालन की सुविधा से महरूम होना पड़ रहा है। वही वन विभाग की माने तो वन निगम के बीओडी में नुकसान में चल रहे डीपूओं को बंद करने के फैसले के चलते हमीरपुर सहित कई अन्य डीपूओं को बंद किया गया है और अगर लोगों की ओर से पर्याप्त लकडी उठाने की डिमांड होती है तो इससे खोलने के बारे में उच्च अधिकारियों से बात की जा सकती है । जिला हमीरपुर के डीएफओ दफ्तर की बगल में फारेस्ट कारपोरेशन द्वारा बालन बेचने के लिए सेल डिपो खोला गया था लेकिन वन निगम के द्वारा साल 2015.16 में सालाना 3 लाख से कम आय वाले डीपूओ ंको बंद करने के निर्णय के चलते करीब तीन साल पहले इस को बंद कर दिया गया। हमीरपुर शहर और आसपास के इलाकों के लोग इस डिपू से बालन खरीद के सुविधा का फायदा लेते थे लेकिन अब इसके बंद हो जाने से आम जनता बालन खरीदने में परेशानी हो रही हैं। हालंाकि प्राइवेट स्तर पर भी शहर और आसपास के इलाके में बालन खरीदने का कोई ज्यादा इंतजाम नहीं है और जहां पर बाग जलाने वाली लकडी बेची जाती है वहां पर भी मनमाने रेट पर वसूले जा रहे है । गौरतलब है कि हमीरपुर जिला में जंगलों की भी कमी नहीं है और सालाना वनों से काफी संख्या में लकडी उपलब्ध होती है बावजूद इसके डिपो ना होने के कारण लोगों के लिए इसे खरीद पाना मुश्किल हो गया है। शहरवासियों राजीव व सुरेन्द्र ने कहना है कि पहले सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए उपलब्ध होने वाली बालन की लकडी सरकारी द्वारा निर्धारित रेट पर उपलब्ध होती थी मगर कुछ सालों से सरकार ने डिपो बंद कर दिया है जिस कारण परेशानी हो रही है । उन्होने वन निगम व प्रदेश सरकार से मांग की कि बंद डिपूओं को दोबारा से शहर में खोला जाए।

हमीरपुर में बालन लकडी के डिपू बंद होने से लकडी खरीदने में हो रही परेशानी

प्रदेश में सर्दियां शुरू हो चुकी है और हमीरपुर शहर के लोगों को आग सेकने और दूसरे कामों में इस्तेमाल होने वाली बालन का खरीद कर लेने का कहीं कोई इंतजाम नहीं है। हमीरपुर मुख्यालय में डीएफओ दफ्तर में सरकारी सेल डिपू बालन का था लेकिन अब वह भी बंद हो चुका है जिसके चलते लोगों को बालन की सुविधा से महरूम होना पड़ रहा है। वही वन विभाग की माने तो वन निगम के बीओडी में नुकसान में चल रहे डीपूओं को बंद करने के फैसले के चलते हमीरपुर सहित कई अन्य डीपूओं को बंद किया गया है और अगर लोगों की ओर से पर्याप्त लकडी उठाने की डिमांड होती है तो इससे खोलने के बारे में उच्च अधिकारियों से बात की जा सकती है ।

जिला हमीरपुर के डीएफओ दफ्तर की बगल में फारेस्ट कारपोरेशन द्वारा बालन बेचने के लिए सेल डिपो खोला गया था लेकिन वन निगम के द्वारा साल 2015.16 में सालाना 3 लाख से कम आय वाले डीपूओ ंको बंद करने के निर्णय के चलते करीब तीन साल पहले इस को बंद कर दिया गया। हमीरपुर शहर और आसपास के इलाकों के लोग इस डिपू से बालन खरीद के सुविधा का फायदा लेते थे लेकिन अब इसके बंद हो जाने से आम जनता बालन खरीदने में परेशानी हो रही हैं। हालंाकि प्राइवेट स्तर पर भी शहर और आसपास के इलाके में बालन खरीदने का कोई ज्यादा इंतजाम नहीं है और जहां पर बाग जलाने वाली लकडी बेची जाती है वहां पर भी मनमाने रेट पर वसूले जा रहे है । गौरतलब है कि हमीरपुर जिला में जंगलों की भी कमी नहीं है और सालाना वनों से काफी संख्या में लकडी उपलब्ध होती है बावजूद इसके डिपो ना होने के कारण लोगों के लिए इसे खरीद पाना मुश्किल हो गया है।
शहरवासियों राजीव व सुरेन्द्र ने कहना है कि पहले सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए उपलब्ध होने वाली बालन की लकडी सरकारी द्वारा निर्धारित रेट पर उपलब्ध होती थी मगर कुछ सालों से सरकार ने डिपो बंद कर दिया है जिस कारण परेशानी हो रही है । उन्होने वन निगम व प्रदेश सरकार से मांग की कि बंद डिपूओं को दोबारा से शहर में खोला जाए।