हिमाचल प्रदेश में यूजीसी के सातवें वेतनमान की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर कालेज प्राध्यापक संघ के संघर्ष ने पकड़ी रफ्तारहिमाचल प्रदेश में यूजीसी के सातवें वेतन की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर कालेज प्राध्यापक संघ द्वारा शुरू किया गया संघर्ष लगातार तेजी पकड़ रहा है। जिला सिरमौर के नाहन स्थित हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने कालेजों में शुमार डा. वाईएस परमार राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन के प्राध्यापक वर्ग ने सोमवार को तीसरे दिन भी भूख हड़ताल जारी रखी। इस दौरान कालेज प्राध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की तथा मांग की कि हिमाचल प्रदेश में शीघ्र यूजीसी के सातवें वेतनमान की सिफारिशें लागू की जाएं।
नाहन महाविद्यालय इकाई के प्रधान डा. प्रेम भारद्वाज ने बताया कि यह भूख हड़ताल नौ जून तक चलेगी। इकाई के सदस्यों ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश सरकार से कई बार मांग कर चुका है कि यूजीसी द्वारा सातवां वेतनमान लागू किया जाए, परंतु इसे लागू नहीं किया गया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ सरकार से मांग करता है कि यूजीसी का सातवां वेतन लागू करने के साथ-साथ अनुबंध के सेवाकाल में जोड़ा जाए। इसके अलावा एमफिल व पीएचडी की वेतन वृद्धि को बहाल किया जाए तथा महाविद्यालय में आचार्यों के पद सृजित किए जाएं। प्राध्यापक संघ ने सरकार से मांग की कि यूजीसी का सातवां वेतनमान हिमाचल प्रदेश में लागू किया जाए अन्यथा प्रदेश भर में संघर्ष ओर तेजी पकड़ सकता है। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ नाहन इकाई के अध्यक्ष डा. प्रेम भारद्वाज, सेवानिवृत्त प्राचार्य डा. दिनेश भारद्वाज, इकाई सचिव सुदेश शर्मा, डा. राजेश त्रेहन, उर्वशी चौहान, डा. उतमा पांडे, प्रो. भूमिका, प्रो. लक्षिता, डा. सरिता, डा. अनूप, डा. पंकज, डा. गुलेरिया, प्रो. डोगरा आदि उपस्थित थे।