रहिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ नियंत्रण (नारकोटिक्स कंट्रोल) ब्यूरो ने सोमवार को नालागढ़ की विशेष अदालत में जैनेट कंपनी के मालिक दिनेश बंसल और प्रबंधक सोनू के खिलाफ चालान पेश किया है। 42 गवाहों और मिले सबूतों के आधार पर चालान में बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फर्जी मुहर और जाली बिलों से करोड़ों रुपये की प्रतिबंधित दवाएं बेची गई हैं। पुलिस जांच के अनुसार बंसल के कार्यालय में दवाओं के फर्जी दस्तावेज और अन्य कंपनी की नकली मुहर मिली है। बिना परमिट दवाओं को इधर से उधर भेजा गया है। इसके लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल किया गया है।
साक्ष्यों के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। एनडीपीएस एक्ट के तहत 8, 22 और 29, आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 472, 201 और कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18 सी के तहत यह चालान पेश किया है। उल्लेखनीय है कि दो साल के भीतर प्रतिबंधित दवाओं का यह कारोबार 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जा रहा है। यह भी पता चला है कि 2018-19 में पंजाब में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन पर जैनेट कंपनी का थोक दवा लाइसेंस रद्द किया गया था। इस कंपनी ने 2019 में बद्दी में थोक
फार्मा कंपनी के मालिक बंसल और प्रबंधक सोनू के खिलाफ चालान पेश किया गया है। यह कार्रवाई निर्धारित समय से पहले
हुई है। एक अन्य आरोपी की संपत्ति को अटैच किया जाएगा।
एक आरोपी अंडरग्राउंड, अटैच होगी संपत्ति
बंसल का साथी और इस मामले का एक और आरोपी दवा विक्रेता अभी अंडरग्राउंड है। यह आरोपी राजस्थान के सीकर का रहने वाला है। पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) कई बार सीकर में दबिश दे चुकी है लेकिन यह हत्थे नहीं चढ़ पाया है। लिहाजा, अब इस आरोपी की संपत्ति को अटैच करने की तैयारी है।