गर्व के क्षण! World Wrestling Championship में बजंरग पूनिया ने रचा इतिहास, जीता कांस्य पदक

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बेलग्रेड में चल रही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2022 में भारत के दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया है. बजरंग ने इस शानदार जीत के साथ ही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में चार पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बन चुके हैं. इस शानदार रिकॉर्ड के लिए पूरा देश गौरवान्वित हो रहा है.

Bajrang Punia

पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया विश्व के दिग्गज पहलवानों में से एक हैं. जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में स्वर्ण पदक भी जीता था. लेकिन उनके लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ काफी संघर्ष भी किया है.

बजरंग के सपने को पूरा करने के लिए पिता ने दिया त्याग

बजरंग पुनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को हरियाणा के झज्जर गांव में हुआ. इनके पिता बलवान सिंह एक पहलवान थे. घर की आर्थिक स्थिति बहुत बेहतर नहीं थी. बजरंग को भी कुश्ती में दिलचस्पी बढ़ी. वो कुश्ती मैच देखने के लिए अक्सर स्कूल से भाग जाया करते थे.

Bajrang with Parents

पिता ने भी बेटे की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उन्हें पहलवानी में करियर बनाने के लिए सपोर्ट किया. उनके सपने को पूरा करने के लिए बलवान सिंह बस से सफर ना करके किराया बचाने के लिए साइकिल से काम पर जाया करते थे. उन्होंने कई त्याग दिए और बेटे को पहलवानी पर फोकस करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे.

Bajrang Punia

कड़ी मेहनत के दम पर जब सुर्ख़ियों में आए

बजरंग ने प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव से पूरी की. वो स्थानीय अखाड़े में 14 वर्ष की उम्र से ही पहलवानी का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था. बजरंग ने महर्षि दयानंद विश्विद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. उन्होंने भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का भी काम किया है.

फ़िलहाल, उन्हें कोच के रूप में ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त का साथ मिला. जिन्होंने बजरंग को कुश्ती की बारीकियां सिखाई. कोच की ट्रेनिंग और बजरंग की मेहनत से पहली बार साल 2013 में एशियाई कुश्ती में कांस्य पदक जीता. इसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक बार फिर कांस्य पदक जीतकर सुर्ख़ियों में आए.

Bajrang Punia

फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा

बजरंग पुनिया को देश से काफी उम्मीदें थीं. उनकी पहलवानी का हर कोई कायल हो चुका था. साल 2014 में राष्ट्रमंडल खेल ग्लासगो और एशियाई खेल इनचियन में रजत पदक जीता. एक के बाद एक जीत बजरंग को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही. फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

Bajrang Punia

साल 2018 राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक हासिल किया. इसके बाद इसी साल एशियन गेम्स में एक बार फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. साल 2021 में पहले एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल फिर टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए ब्रांज मेडल जीता. इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुष 65 किग्रा वर्ग में गोल्ड जीत कर एक बार फिर खुद को साबित किया.

अब वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2022 में देश के लिए कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. बजरंग ने अब तक 3 ब्रांज मेडल, 4 सिल्वर और 5 गोल्ड मेडल अलग-अलग प्रतियोगिताओं में जीत चुके हैं. जो उनकी मेहनत और लगन की वजह से मुमकिन हो पाया. वे करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.