Ps2 Cast: ‘सिलेबस से मुगल वंश के चैप्टर हटाना भारतीय इतिहास के साथ अन्याय’, हताश हुई ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ की टीम

‘पोन्नियिन सेलवन: 2’ सिनेमाघरों में रिलीज के बाद से ही लोगों को बहुत पसंद आ रही है। हाल ही में फिल्म की कास्ट ने एक गंभीर मुद्दे पर बात की है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में इतिहास की किताबों से मुगल वंश के चैप्टर्स को हटाने के बाद बहुत विवाद हुआ, जिस पर उन्होंने अपनी राय रखी है।

एक्ट्रेस ऐश्वर्या लक्ष्मी और एक्टर चियान विक्रम की पीरियड फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन: 2’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई। दोनों की फिल्म तो फैंस के दिलों में आग लगा रही है। लोगों को रिलीज के बाद से ही ये फिल्म बहुत पसंद आ रही है। हालांकि, दोनों ही एक्टर्स का मानना है कि हमारी शिक्षा प्रणाली द्वारा भारत के स्वदेशी साम्राज्यों या राजवंशों के लिए अन्याय किया गया है। और ये बड़े पैमाने पर गलत है।

हाल ही में, उत्तर प्रदेश में कुछ किताबों से मुगल वंश के चैप्टर्स को हटाने से एक विवाद छिड़ गया और इस बात पर बहस छिड़ गई कि इतिहास में क्या चीजें होनी चाहिए। भारत में आने वाले राजवंशों की तुलना में भारत के स्वदेशी साम्राज्यों का जिक्र स्कूली किताबों में बहुत कम है।

भारतीय साम्राज्य के साथ अन्याय हुआ है

आईएएनएस से बात करते हुए Aishwarya Lekshmi ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, भारत के स्वदेशी साम्राज्यों के प्रति कुछ हद तक अन्याय हुआ है। उस दिशा में उनके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हासिल करने के लिए काफी रिसर्च करना होगा। कल्कि का उपन्यास ‘पोन्नियिन सेलवन’ (जिस पर मणिरत्नम की फिल्म आधारित है) वास्तव में दक्षिण भारत की 10वीं शताब्दी का एक चैप्टर है, उस समय हम कितने डेवलप थे और समय हमें कितना पीछे ले गया।’

भारतीय समाज काफी आगे था

एक्टर Chiyan Vikram ने ऐश्वर्या का समर्थन किया क्योंकि उन्हें लगता है कि भारतीय समाज अपने समय में काफी आगे था। उन्होंने कहा, ‘उस समय अमेरिका की खोज भी नहीं हुई थी और हमारे पास कई साम्राज्यों के संपन्न समाज थे।’

स्कूल के बच्चे बहुत कुछ नहीं जान पाएंगे

पोन्नियिन सेलवन फिल्म में वल्लवरैयायन की भूमिका निभाने वाले कार्थी ने आईएएनएस से कहा, ‘जब अंग्रेज आए, तो उन्होंने बहुत सारे रिसर्च करना शुरू कर दिया और इतिहास का लेखा-जोखा करना शुरू कर दिया। मुझे यकीन है कि एक इतिहास का स्टूडेंट हर राजवंश के बारे में बहुत कुछ जान पाएगा। लेकिन, स्कूल स्तर के इतिहास के लिए सही पैनल को बैठकर यह तय करना चाहिए कि सिलेबस में क्या शामिल किया जाना चाहिए।’