नई दिल्ली. भारतीय महिला एथलीट पीटी ऊषा (PT Usha) ट्रैक एंड फील्ड में शानदार करियर और प्रदर्शन के लिए जानी जाती हैं. ऊषा ने अपने करियर के दौरान 100 से अधिक नेशनल और इंटरनेशनल मेडल जीते है. इस दौरान उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में 13 गोल्ड मेडल जीते. उन्होंने 1985 जकार्ता एशियन चैंपियनशिप में 5 गोल्ड जीता था. वे 1986 के सियोल एशियन गेम्स में भी 4 गोल्ड जीतने में सफल रही थीं. पीटी ऊषा अब नई भूमिका में नजर आएंगी. उन्हें केंद्र सरकार ने खेल के क्षेत्र में योगदान देने के कारण राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किया है.
27 जून 1964 को केरल के एक गरीब परिवार में जन्मी पीटी ऊषा की बचपन से ही खेलों के प्रति रुचि थी. उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए केरल सरकार ने उन्हें 250 रुपए कीस्कॉलरशिप दी थी. ऊषा के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब उनके पूरे करियर के दौरान उनके कोच ओएम नांबियार ने उन्हें 1976 में नेशनल स्कूल गेम्स में देखा. उनका इंटरनेशनल करियर 1980 के मास्को ओलंपिक में शुरू हुआ, जहां ऊषा ब्रॉन्ज मेडल से केवल 0.01 सेकंड से चूक गईं थीं. वह उस समय केवल 16 वर्ष की थीं और वह ओलंपिक में भाग लेने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय स्प्रिंटर बन गईं थीं.
नए एथलीट्स को कर रही हैं तैयार
पीटी ऊषा हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. खेल जगत में उन्हें उपलब्धियों को जाना जाता है. वह अब नए एथलीट्स को तैयार कर रही हैं. वे पीटी ऊषा स्कूल नाम से अपनी एकेडमी चल रही हैं. 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक के 400 मीटर हर्डल्स के सेमीफाइनल में उन्होंने रेस 55.54 सेकंड में पूरी की थी. यह कॉमनेवल्थ का रिकॉर्ड था. फाइनल में उन्होंने रेस 55.42 सेकंड में पूरी की और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले से मामूली अंतर से चूक गईं.
58 साल की पीटी ऊषा का एशियन गेम्स में भी प्रदर्शन अच्छा रहा है. उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में कुल 23 मेडल जीते. इसमें 14 गोल्ड मेडल शामिल हैं. उन्हाेंने अंतिम गोल्ड 1998 में 4 गुणा 100 मीटर रेस में जीता.