पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shehbaz Shairf) ने भारत के साथ रिश्तों (India Pakistan) पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका देश भारत के साथ बातचीत करना चाहता है लेकिन सबकुछ भारत सरकार पर निर्भर करता है। साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते पटरी से उतरे हैं।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को भारत के साथ रिश्तों पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह भारत के साथ एक बार फिर बातचीत करना चाहते हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसकी जिम्मेदारी भारत पर है कि वह एक सफल और नतीजों पर आधारित आपसी संपर्क के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाये। शहबाज ने यह बाज कजाख्स्तान में आयोजित एक सम्मेलन में कही। भारत और पाकिस्तान के संबंध साल 2019 में पहले पुलवामा आतंकी हमले और फिर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पटरी से उतर चुके हैं।
दशकों की दूरियां
शहबाज ने कहा, ‘मैं अपने पड़ोसी भारत के साथ गंभीर बातचीत का इच्छुक हूं और इसके लिए एकदम तैयार हूं। लेकिन यह तभी होगा जब वह इस मकसद के लिए गंभीर होंगे और यह दिखाएंगे कि वह भी उन मसलों पर बात करना चाहते हैं जिनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से दूरियां बनी हुई हैं।’ पीएम शहबाज ने इस बात पर अफसोस भी जताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश भी रुका हुआ है। उनका कहना था, ‘अब इसे बंद करना होगा। लेकिन सबकुछ भारत पर निर्भर करता है कि वह कैसे इसे आगे बढ़ाते हैं।’
उनकी मानें तो पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे और शांतिपूर्ण संबंध कायम रखना चाहता है जिसमें भारत भी शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर का भी जिक्र कर डाला। उन्होंने कहा कि जब तक भारत की तरफ से कश्मीर में अत्याचार बंद नहीं होता, तब तक सबकुछ रुका रहेगा।
भारत पर जिम्मा
पीएम शहबाज ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के लोग अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए संसाधनों का उपयोग करने के अधिकारी हैं। उनकी मानें तो वह उस विरासत को अपने पीछे छोड़कर जाना चाहते हैं जो इस क्षेत्र की अगली पीढ़ी के लिए शांति और तरक्की से जुड़ी हो। उनकी मानें तो पाकिस्तान की पहली प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को तेजी से सुधारना और उसे पटरी पर लाना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को नतीजों के साथ समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करना होगा।
भारत को बताया खतरा
शरीफ की मानें तो कश्मीर में लगातार मानवाधिकार हनन हो रहा है और उन्होंने इसके लिए भारत सरकार और सेना को दोषी ठहराया। आतंकवाद समर्थक पाकिस्तान के पीएम भारत को यह याद दिलाना नहीं भूले कि उसकी नीति ‘बुलेट नहीं बैलेट’ वाली है। शरीफ की मानें तो भारत अल्पसंख्यकों और पड़ोसियों के साथ ही पूरे क्षेत्र के लिए खतरा बन गया है।