फोरलेन निर्माण के चलते पहाड़ियों को काटा जा रहा है। इससे मिट्टी और मलबा नेशनल हाइवे पर गिर रहा है। मशीनों से हो रही कटिंग से पहाड़ियां खिसक रही हैं। इससे बीच-बीच में नेशनल हाइवे की हालत खस्ता हो गई है।
हिमाचल प्रदेश में 250 करोड़ से नेशनल हाइवे (एनएच) की मरम्मत होगी। फोरलेन निर्माण के चलते प्रदेश में नेशनल हाइवे की हालत खस्ता हो गई है। ऐसे में सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को इनकी मरम्मत करने के लिए कहा है। शिमला-परवाणू, मंडी-नेरचौक, मंडी- पठानकोट बाईपास शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग ने नेशनल हाइवे की मरम्मत के लिए एनएचएआई को प्रस्ताव भेजा है।
फोरलेन निर्माण के चलते पहाड़ियों को काटा जा रहा है। इससे मिट्टी और मलबा नेशनल हाइवे पर गिर रहा है। मशीनों से हो रही कटिंग से पहाड़ियां खिसक रही हैं। इससे बीच-बीच में नेशनल हाइवे की हालत खस्ता हो गई है। वाहन मालिक घंटों जाम में फंस रहे हैं। लोगों को हादसा होने का अंदेशा रहता है। हालांकि, इसको लेकर मुख्य सचिव आरडी धीमान की अध्यक्षता में भी अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को एनएच ठीक करने को कहा गया है।
जहां से फोरलेन गुजर रहा है, उन स्थानों पर पहाड़ियों को सीमेंट और सरिये के साथ पक्की चट्टान बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे पहाड़ियों के खिसकने का खतरा टल जाता है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने कहा कि एनएचएआई को मरम्मत पर खर्च की जाने वाली राशि का प्रस्ताव भेजा गया है। एनएचएआई अगर सरकार को पैसा देती है तो विभाग खुद इनकी मरम्मत करेगा।
सरकार ने एक महीने में मांगी है रिपोर्ट
प्रदेश सरकार ने नेशनल हाइवे की हालत सुधारने को लेकर एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है। पहले चरण में उन स्थानों को ठीक करने को कहा गया है, जहां लगातार चटाने खिसक रही हैं।