पंजाब के जिन जेलों में कैदियों को परिवार से मिलने की सुविधा शुरू की गई है उनमें गोइंदवाल साहिब की केंद्रीय जेल भी है
चंडीगढ़. पंजाब में कैदी अब अपने जीवनसाथी के साथ कुछ समय बिता पाएंगे. राज्य के कारागार विभाग ने मंगलवार से कैदियों को एक अलग कमरे में कुछ घंटे बिताने की सुविधा देने की शुरुआत की है. इस तरह की सुविधा शुरू करने वाला यह पहला राज्य है. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में गोइंदवाल साहिब की केंद्रीय जेल, नाभा की नई जिला जेल और बठिंडा की महिला जेल में इसकी अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि दुर्दांत अपराधी, गैंगस्टर और यौन अपराधों से जुड़े मामलों में सजा काट रहे कैदियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी. अधिकारी ने बताया कि अच्छे आचरण वाले कैदियों को दो घंटे तक अपने जीवनसाथी के साथ रहने की अनुमति दी जाएगी. इसके लिए विभाग ने एक कमरा निर्धारित किया है, जिसमें शौचालय भी होगा. अधिकारी ने कहा, ‘‘जेल में लंबे समय से मौजूद कैदियों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘हमें मिली जानकारी के अनुसार देश में यह सुविधा शुरू करने वाला पंजाब पहला राज्य है.’’
मजबूत होंगे दांपत्य संबंध विभाग को उम्मीद है कि उसकी इस पहल से दांपत्य संबंध मजबूत होंगे और कैदियों का अच्छा आचरण भी सुनिश्चित होगा. उन्होंने बताया कि इस तरह की मुलाकात के लिए आने वाले पति या पत्नी को अपनी शादी के प्रमाण दिखाने होंगे और चिकित्सा प्रमाण पत्र भी देना होगा, जो उनके एचआईवी या किसी अन्य यौन संचारित रोग, कोरोना वायरस संक्रमण या किसी अन्य संक्रामक रोग से पीड़ित ना होने की पुष्टि करता हो.
एक अन्य कार्यक्रम की भी शुरुआत कारागार विभाग ने कुछ दिन पहले कैदियों को कारागार परिसर में उनके परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति देने के लिए एक अन्य कार्यक्रम की शुरुआत भी की थी. इस कार्यक्रम की शुरुआत लुधियाना कारागार से की गई, जिसके तहत कैदी और विचाराधीन कैदी हर पखवाड़े अपने प्रियजनों से करीब एक घंटे के लिए मुलाकात कर सकते हैं. इस मुलाकात के लिए भी कारागार परिसर में एक कमरा निर्धारित किया गया है. कैदी के परिवार के सदस्य उसके साथ भोजन भी कर सकते हैं.