चंडीगढ़. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के निशाने पर अब गैंगस्टरों के वकील भी आ गए हैं. मंगलवार को चंडीगढ़ सहित पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में एनआईए की रेड हुईं. इस दौरान चंडीगढ़ के सेक्टर 27 में जग्गू भगवानपुरिया के वकील के घर पर भी छापेमारी की गई और कई घंटे तक रिकॉर्ड खंगाले गए हैं. बताया जा रहा है कि एनआईए के अधिकारियों ने वकील शैली शर्मा से जग्गू भगवानपुरिया के बारे में कई तरह के सवाल किए हैं और जानने की कोशिश की है कि उसके केस के संबंध में उनके पास कौन-कौन आता है. रेड के बाद एनआईए ने वकील के दो फोन भी जब्त कर लिए हैं. इसके विरोध में हाईकोर्ट और जिला अदालत के वकीलों ने काम रोक दिया है. वकीलों ने आरोप लगाया है कि एनआईए उन्हें परेशान कर रही है.
गौरतलब है कि बटाला के भगवानपुरा गांव का जगदीप सिंह उर्फ जग्गू कुख्यात गैंगस्टर है, जिसके खिलाफ 68 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या, सुपारी लेकर हत्या, लूट, रंगदारी, ड्रग्स और हथियारों की सीमा पार तस्करी शामिल है. जग्गू पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश का आरोपी है. उस पर मूसेवाला हत्याकांड में हथियार और गाड़ी मुहैया करवाने के आरोप हैं.
मालूम हो कि भगवानपुरिया के अकाली और कांग्रेस नेताओं के साथ संबंध सुर्खियों में रहे थे. वहीं कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया हत्याकांड में भगवानपुरिया का नाम प्रमुखता से आया था. आरोप था कि संदीप द्वारा चलाई जा रही कबड्डी लीग को भगवानपुरिया ने संरक्षण दिया था.
बठिंडा में एनआईए की दबिश
उधर एनआईए की टीमों ने मंगलवार को बठिंडा में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है. लोगों से गैंगस्टरों के साथ कथित संबंधों के मामले में पूछताछ की गई है. बठिंडा के जंडियां गांव स्थित जग्गा जंडियां के घर पर टीम ने छापेमारी की है. जग्गा कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजक है. बठिंडा कस्बे की भागू रोड स्थित स्ट्रीट 10 स्थित एक घर में भी एक टीम ने छापेमारी की है. रेड के दौरान जग्गा जंडियां अपने घर पर मौजूद नहीं था.
बताया जा रहा है कि वह परिवार के साथ सालासर गया हुआ था. जिसको रेड के बाद वापस बुलाया गया. इसके अलावा गांव कराड़वाला में जामन सिंह के घर पर रेड की गई जो फिलहाल जेल में बंद है. विदेश में बैठकर पंजाब और अन्य राज्यों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर माहौल खराब करने वाले आतंकी लखबीर सिंह लंडा के घर कस्बा हरिके पत्तन में भी एनआईए ने दबिश दी है. छापामारी के दौरान लंडा के घर में उसके माता पिता ही थे.