पंजाब: विधानसभा सत्र पर जारी है संग्राम, अब राज्यपाल ने पत्र लिखकर सीएम मान को दी नसीहत


पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा- वह सरकार से सूचना मांगने के हकदार.  (News18)

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा- वह सरकार से सूचना मांगने के हकदार.

चंडीगढ़. पंजाब में विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर सत्ता पक्ष और राज्यपाल के बीच छिड़ा संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है. भगवंत मान के ट्वीट के बाद अब राज्यपाल ने उन्हें एक पत्र लिखकर नसीहत दे डाली है कि वह सरकार से सूचना मांगने के हकदार हैं. राज्यपाल ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा सचिव से 27 सितंबर को होने वाले विधानसभा सत्र में उठाए जाने वाले विधायी कार्य का ब्योरा देने को कहा था.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मान ने एक ट्वीट में कहा था कि ‘विधायिका के किसी भी सत्र से पहले राज्यपाल/राष्ट्रपति की सहमति एक औपचारिकता है. 75 वर्षों में किसी भी राष्ट्रपति या राज्यपाल ने सत्र बुलाने से पहले कभी भी विधायी कार्यों की सूची नहीं मांगी है. विधायी कार्य बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल (बीएसी) और स्पीकर द्वारा तय किया जाता है. राज्यपाल सभी भाषणों को भी अपने द्वारा अनुमोदित करने के लिए कहेगा, यह तो ज्यादा है.’

शनिवार को राज्यपाल ने इसका जवाब देते हुए सीएम पंजाब को लिखा है कि ‘आज के अखबारों में आपके बयान पढ़ने के बाद मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि शायद आप मुझसे बहुत ज्यादा नाराज हैं. मुझे लगता है कि आपके कानूनी सलाहकार आपको पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहे हैं. शायद मेरे बारे में आपकी राय संविधान के अनुच्छेद 167 और 168 के प्रावधानों को पढ़ने के बाद निश्चित रूप से बदल जाएगी.’

राज्यपाल ने अनुच्छेद 167 का हवाला देते हुए लिखा है कि इसके मुताबिक राज्यपाल को सूचना देने के साथ ही प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि:
(ए) राज्य के कार्यों के प्रशासन सम्बन्धी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं की जानकारी भी देनी होगी.
(बी) राज्य के कार्यों के प्रशासन सम्बन्धी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं सम्बन्धी जानकारी भी देनी होगी.
(सी) किसी विषय को जिस पर किसी मंत्री ने निर्णय ले लिया है किन्तु मंत्रिपरिषद ने विचार नहीं किया है, तो राज्यपाल द्वारा अपेक्षा किए जाने पर उसे परिषद के समक्ष विचार के लिए रखे.