पुष्प क्रांति योजना: जीएसटी के फेर में फंस गए किसान-बागवान

हिमाचल पुष्प क्रांति योजना से किसान-बागवानों को लाभान्वित करने की प्रदेश सरकार की योजना जीएसटी के फेर में फंस गई है। किसान बागवानों की आमदनी दोगुना करने के लिए सरकार ने उच्च तकनीक वाले पॉलीहाउस में फूलों के उत्पादन पर 85 फीसदी अनुदान देने की योजना शुरू की थी लेकिन 18 फीसदी जीएसटी की वसूली किसानों से करने के फरमान के बाद योजना बंद होने के कगार पर पहुंच गई है।

पॉलीहाउस लगाने के लिए लाखों रुपये खर्च करने के बाद जीएसटी की शर्त के कारण किसान और बागवान ठगा महसूस कर रहे हैं। शिमला के बसंतपुर ब्लॉक  के नेहरा के सोहल गांव के किसान दुलीचंद शर्मा ने पुष्प क्रांति योजना में फूलों की खेती के लिए 500 वर्ग मीटर का पॉलीहाउस लगाने के लिए 2019 में आवेदन किया। 

नवंबर 2020 में उन्हें बागवानी विभाग से स्वीकृति मिली। सरकार की ओर से अधिकृत कंपनी की ओर से पॉलीहाउस बनाकर किसान को दिया जाना था, कोरोना काल में कोई कंपनी काम के लिए तैयार नही हुई और इस बीच स्वीकृति का 75 दिन का समय खत्म हो गया। मार्च 2021 में दुलीचंद ने दोबारा आवेदन किया। जिसकी स्वीकृति उन्हें 22 अक्तूबर 2021 को मिली। पॉलीहाउस बनाने को दुलीचंद ने दिसंबर में ग्रीन टेक ऐग्री सेक्टर प्राइवेट लिमिटेड से संपर्क किया। कंपनी के प्रतिनिधियों ने उनके प्लॉट का निरीक्षण करअनुबंध किया। 

24 दिसंबर को कंपनी ने दुलीचंद को फोन कर 6 लाख के प्रोजेक्ट का 18 फीसदी जीएसटी 90,000 चुकाने की शर्त रख दी। दुलीचंद ने बताया कि इस बीच वह साइट डेवलपमेंट पर बैंकों से लोन लेकर करीब 6 लाख रुपये खर्च कर चुके थे। सरकार की ओर से किसानों पर 18 फीसदी जीएसटी का बोझ डाले जाने के कारण अब उनका प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। शिमला जिले सहित प्रदेश भर में इस प्रकार के सैकड़ों मामले हैं जो सिरे नहीं चढ़ पा रहे हैं। 

पुष्प क्रांति योजना में जीएसटी का भुगतान पहले बागवानी विभाग करता था, लेकिन अब इनकार किया जा रहा है। 6 लाख के प्रोजेक्ट पर 18 फीसदी जीएसटी करीब 90 हजार बनता है। जिसका वहन कंपनी नहीं कर सकती। अगर विभाग या किसान जीएसटी वहन करने को तैयार हैं तो कंपनी पॉलीहाउस का काम तुरंत शुरू कर देगी। – सलीम खान, एरिया मैनेजर, ग्रीन टेक एग्री सेक्टर प्राइवेट लिमिटेड

सरकार की ओर से विभाग को प्रोजेक्ट में जीएसटी भुगतान ने करने के निर्देश दिए गए हैं। पॉलीहाउस लगाने में विलंब न हो इसके लिए कई किसान जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं। लेखा परीक्षा आपत्ति के बाद सरकार के आदेशों पर जीएसटी भुगतान रोका गया है।