Russia Ukraine War News : रूसी कब्जे वाले यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहर खेरसॉन के आसपास भारी संघर्ष तथा बिजली के बुनियादी ढांचों पर हमले जारी रहने के बीच वहां से हजारों नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अफगान सैनिकों को तैनात करने की योजना बना रहा है।
कीव : यूक्रेन और रूस का युद्ध अपने नवें महीने में प्रवेश कर चुका है। यूक्रेन के कड़े प्रतिरोध के सामने टिकने के लिए अब रूस एक नई योजना पर काम कर रहा है। रूसी सेना के शीर्ष अधिकारियों की नजरें 30,000 स्पेशल अफगान सैनिकों की भर्ती पर है। इन अफगान सैनिकों को ब्रिटिश आर्मी और यूएस सील ने ट्रेनिंग दी है। मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। भारी नुकसान, कमजोर सप्लाई और हताहतों की बढ़ती संख्या ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को हताश कर दिया है। अब अफगान नेशनल आर्मी से लड़ाकों को भर्ती कर पुतिन इस जंग में बढ़त हासिल करना चाहते हैं।
पिछले साल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से कई स्पेशल सैनिक उत्पीड़न के डर से छिपे हुए हैं और खुद को बचाते फिर रहे हैं। लेकिन कुछ सैनिकों से अब रूसी अधिकारियों ने संपर्क किया है। एक पूर्व अफगान सुरक्षा अधिकारी ने फॉरेस पॉलिसी को बताया कि यह संभावित ‘कॉल’ एक ‘गेम-चेंजर’ साबित हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘उनके पास न कोई देश है, न कोई नौकरी है और न कोई भविष्य। उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है।’
अपने सैनिकों की तैनाती से बेहतर विकल्प
डेलीस्टार की खबर के अनुसार, यह कदम पुतिन के लिए बड़ा फायदेमंद साबित होगा क्योंकि ये सैनिक पश्चिमी युद्ध से अच्छी तरह परिचित हैं इसलिए यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए ये बेहतर स्थिति में होंगे। किंग्स कॉलेज लंदन में सेंटर फॉर मिलिट्री एथिक्स की डॉ मरीना मिरोन ने द एक्सप्रेस से बात करते हुए इस कदम ‘लॉजिकल’ करार दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी सैनिकों के हताहत होने की संख्या रूस की गिनती में नहीं आती, जो अपने सैनिकों की तैनाती की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित विकल्प है।
पश्चिमी देशों पर उल्टा पड़ेगा उनका दांव
मिरोन ने कहा कि अफगान कमांडो अमेरिका और ब्रिटेन के सैनिकों लड़ने के तरीकों से अच्छी तरह परिचित हैं। लिहाजा वे बेहतर तरीके से यूक्रेनी सेना का सामना कर पाएंगे जिन्हें अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। पुतिन के रिजर्व सैनिकों की आंशिक तैनाती के आदेश के बाद रूसी सेना हताश हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग देश से पलायन कर रहे हैं। यह दिखाता है कि रूसी जनता पुतिन के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का समर्थन नहीं करती है।