हालांकि पवन कुमार एक ऐसे शख्स हैं जो अपनी जान जोखिम में डाल गिरि खड्ड में डूबती कई जिंदगियां बचा चुके हैं। अब तक पानी के बहाव में फंसी 25 जिंदगियों को बचा चुके हैं।
पवन सोलन-सिरमौर सीमा पर स्थित गिरि खड्ड के किनारे रहते हैं। 42 साल की उम्र में लोगों को बचाने का जज्बा संभाले पवन को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। अब तक उन्होंने अपने तैराकी के हुनर से गिरि नदी के भंवर से 25 लोगों को डूबने से बचाया है। इसके अलावा चार लाशें भी गिरि से निकाल चुके हैं।
अब वह स्थानीय युवाओं को तैराकी के गुर सीखा रहे हैं ताकि नदियों में फंसने वाले लोगों की जान बचाई जा सके। पवन का कोई यह सरकारी स्तर का कार्य नहीं लेकिन वह अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों को बचाने के लिए नदी में कूद जाते हैं। हाल ही में उन्होंने बिलासपुर के युवक को डूबने से बचाया।
जल भंवर पानी का एक चक्करदार हिस्सा होता है जहां पर पानी का अधिक बहाव होने से पानी अधिक घातक होता है। यहां पर तेज बहाव से पानी आने के कारण कई बार लोग फंस जाते हैं। गिरि में भी कई जगहों में जल भंवर है जहां कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
कई लोगों को भंवर में फंसने से बचाया भी गया है। घर के आसपास रहने के चलते वह लोगों को बचा लेते हैं। अगर वह घर के आसपास न हो तो कई लोग भंवर में फंस जाते है जिनका निकलना मुश्किल हो जाता है। पवन ने बताया कि गिरि में एक जल भंवर उनके घर के बिल्कुल पास है। यहां पर लोग नहाने के लिए उतर जाते हैं लेकिन भंवर का पता न होने के कारण वे फंस जाते हैं।
प्रशासन ने लगाई है धारा-144
गिरि खड्ड में तैरने पर रोक है। प्रशासन ने यहां धारा-144 लगाई है। बावजूद इसके लोग पानी में उतर जाते हैं। चार जून को भी यहां पर एक युवक को बचाया गया है। यह युवक अपने दोस्तों के साथ आया था लेकिन जैसे ही चिल्लाने की आवाजें आईं तो पवन पानी में कूद गए और युवक को सुरक्षित बाहर निकाला। बचपन से ही तैरने का हुनर होने के चलते वह यह कार्य आसानी से कर लेते हैं। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें यहां पर रेकी करने के लिए अधिकृत किया जाए।