देवताओं की सेवा में लगे हैं ‘अजगर बाबा’, ऐनाकोंडा से बड़े होने का दावा, रात में डराने आता काला कोबरा

Big Python Slithers In Temple: सागर जिले हरसिद्धि मंदिर में बड़ा अजगर दिखा है। इसे ऐनाकोंडा होने का दावा किया जा रहा है। इलाके में इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। सोशल मीडिया पर मंदिर में घुसे अजगर बाबा का वीडियो वायरल है।

ajgar baba in temple
ajgar baba in temple- मंदिर में अजगर बाबा

सागर: एमपी के सागर में एक सांप (ajgar baba myth) है जो हर कुछ वर्षों में एक मंदिर में दिखाई देता है। इसे लेकर इस इलाके में कई तरह की चर्चाएं होती हैं। अजगर सांप के दिखने के बाद लोग बाघराज हरसिद्धि माता मंदिर में नाग की पूजा करने के लिए कतार में लग रहे हैं। लोगों को विश्वास है कि यह वही सांप है जो लगभग पांच साल पहले इस पवित्र परिसर में गिरा था। अब अजगर के इर्द-गिर्द कई किंवदंतियां घूम रही हैं। जंगली अफवाहें हैं कि यह 40 फीट लंबा है, जबकि भारत में पाए जानें वाले रॉक अजगर की लंबाई इसका आधा भी नहीं होता है। वहीं, वीडियो में दिख रहा है कि सांप बहुत छोटा है। निश्चित रूप से एनाकोंडा की लंबाई के करीब कहीं नहीं है।

वहीं, तीन और चार नवंबर को मंदिर में अजगर देखा गया है। इसके बाद मिथकों और बल मिला है। शनिवार को भी मंदिर में कतारें दिखाईं लेकिन अजगर नहीं दिखा है। भक्त इसे अजगर बाबा कह रहे हैं। कहा जा रहा है कि अजगर मंदिर में और उसके आसपास पहरेदार के तौर पर रहता है। कुछ का यह भी मानना है कि यह एक पूर्व पुजारी की आत्मा है।

वहीं, बीटेक स्टूडेंट और वर्तमान पुजारी पुष्पेंद्र पाठक के बेटे अर्पित ने कहा कि हमने इसे 2017 में आखिरी बार देखा था। अजगर बाबा को गुरुवार और शुक्रवार को भी देखा गया है। अर्पित और उसके दोस्तों ने एक वीडियो शूट किया जो अब वायरल हो रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि हमलोग साल में एक-दो बार देखा है। मंदिर के करीब कई गुफाएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि ये गुफाएं दो मंदिरों को जोड़ती हैं। बाघराज में हरसिद्धि माता मंदिर और रानगीर गांव में अगंध देवी मंदिर है। रानगीर का मंदिर सबसे पुराना है और ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थानांतरित होने से पहले देवता को शुरुआत में वहां रखा गया था। अजगर बाबा तीनों देवताओं की सेवा करते हैं।

पुजारी के बेटे ने कहा कि मेरे पिता की उम्र जब चार साल थी, तब से वह मंदिर की सेवा कर रहे हैं, जब तत्कालीन पुजारी आयोध्या दास जी महाराज का निधन हो गया था। अपनी मृत्यु से पहले, बूढ़े महाराज जी ने मेरे पिता से कहा था कि वह सांप के रूप में देवता की सेवा करना जारी रखेंगे। यहां सांप बहुत आम हैं। यहां रात में सिर्फ पुजारी ही सोते हैं, मैं भी नहीं। अगर कोई और वहां जाता है तो एक काला कोबरा दिखाई देता और उसे डराता है। हालांकि आज तक किसी को नहीं आई है।

अर्पित ने कहा कि जिस जगह पर मंदिर स्थित है, उसे बाघराज के रूप में जाना जाता है। पहले कहा जाता था कि बाघ मंदिर की रखवाली करते हैं। हालांकि अजगर की लंबाई को लेकर स्थिति साफ नहीं है। अभी तक किसी ने इसे पूरा नहीं देखा है। इस बार भी जो वीडियो वायरल है, उसमें सिर्फ मुंह और शरीरा का हिस्सा दिख रहा है।