सवाल जवाब: खरमास क्या है? यह शुभ है या अशुभ? जानिए इसके बारे में सबकुछ

यदि कर्म भाव यानी दशम भाव में चंद्रमा हो, तो व्यक्ति श्रेष्ठ लोगों में शुमार होता है। ये लोग मौलिक विचारों एवं अनोखे तरीकों और उपक्रमों से अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। ये अनेक विधाओं और कलाओं के ज्ञाता होते हैं। पिता के प्रति इनके भीतर अपार श्रद्धा होती है और उनकी पूरे अंतर्मन से सेवा करते हैं।

Kharmaas
खरमास के बारे में जानिए सबकुछ

बात पते की
यदि कर्म भाव यानी दशम भाव में चंद्रमा हो, तो व्यक्ति श्रेष्ठ लोगों में शुमार होता है। ये लोग मौलिक विचारों एवं अनोखे तरीकों और उपक्रमों से अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। ये अनेक विधाओं और कलाओं के ज्ञाता होते हैं। पिता के प्रति इनके भीतर अपार श्रद्धा होती है और उनकी पूरे अंतर्मन से सेवा करते हैं। समाज में अपार मान-प्रतिष्ठा मिलती है। जल के निकट के शहर में ये बेहद सफल होते हैं। यह योग नेतृत्व के गुण प्रदान करके राजनीति में सफलता देता है। साथ ही दुग्ध, औषधि, जल, सिंचाई, पर्यटन, अन्न, मसाले, शृंगार की वस्तुएं व नमक के काम में ये कामयाब रहते हैं। ये मन से जिस काम को करते हैं, सफल रहते हैं, पर करियर में स्थिरता का अभाव होता है। अच्छे समय में लंबे समय के लिए किया गया निवेश इन्हें लाभ प्रदान करता है। परोपकार और सामाजिक सरोकारों में इन्हें बेहद रुचि होती है। इन्हें देश-विदेश घूमने का शौक होता है। ससुराल से या ससुराल के सहयोग से इन्हें बहुत लाभ होता है। लेकिन, अगर चंद्रमा शत्रु राशि में हो, तो कारोबार में हानि होती है तथा विपरीत लिंगियों से सहयोग नहीं मिलता है। पिता से भी मतभेद बने रहते हैं।

उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि सूर्य हर राशि में एक-एक महीने रहता है। ये जब धनु राशि में आता है, तो यह माह खरमास कहलाता है। सूर्य के मकर में गोचर के साथ खरमास का अंत होता है। सूर्य के मकर में गोचर को मकर संक्रांति कहते हैं। यह मास आत्मिक जागरण के लिए उत्तम है। खरमास में मंगल कार्यों जैसे यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन, नामकरण संस्कार, नवीन कर्म/ करियर/ दुकान/ कार्यालय के शुभारंभ का निषेध बताया गया है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं मिलता। बृहस्पतिवार, 15 दिसंबर, 2022 से सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ खरमास का आगाज़ हो चुका है, जो साल 2023 में शनिवार 14 जनवरी की रात्रि 08:21 पर सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रविष्ट होने के साथ पूर्ण हो जाएगा। उदयातिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व रविवार, 15 जनवरी को मनाया जाएगा।

प्रश्न: 
शनि से संबंधित व्यापार कौन-कौन से हैं? -सचिन भल्ला
उत्तर: सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि ज्योतिषिय मान्यताओं में लोहे, स्टील, मशीनरी, तेल, चमड़े, सर्विसिंग, कोयले, खनिज, ज्योतिष, अध्यात्म से जुड़े काम व धार्मिक सामग्री के कारोबार को शनि से संबंधित कर्म कहा गया है।

अगर, आप भी सद्गुरु स्वामी आनंदजी से अपने सवालों के जवाब जानना चाहते हैं या किसी समस्या का समाधान चाहते हैं तो अपनी जन्मतिथ‍ि, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल