एजी कार्यालय का सवाल: पिछले तीन साल क्यों नहीं किया गया निजी स्कूलों का निरीक्षण

एजी कार्यालय की टीम ने पाया कि हमीरपुर जिले के निजी स्कूलों में वर्ष 2017 से 2020 तक खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के तहत आने वाले निजी स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया।

हिमाचल प्रदेश महा लेखाकर (एजी) कार्यालय शिमला

प्रदेश में कई निजी स्कूलों की ओर से मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी को लेकर आए दिन अभिभावक सवाल उठाते हैं। कई बार हमीरपुर और शिमला में धरना प्रदर्शन तक हो चुके हैं, लेकिन इन स्कूलों में सुविधाओं को जांचने के लिए सरकारी विभागों ने भी ईमानदारी से ड्यूटी का निर्वहन नहीं किया। इसी तरह के एक मामले में हिमाचल प्रदेश महा लेखाकर (एजी) कार्यालय शिमला ने प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर से निजी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर जवाब तलब किया है। अंकेक्षण के दौरान एजी कार्यालय शिमला से आई टीम ने जिला हमीरपुर के निजी स्कूलों में पिछले तीन साल तक कोई निरीक्षण न करने की मामले को गंभीरता से लिया है।

एजी कार्यालय की टीम ने पाया कि हमीरपुर जिले के निजी स्कूलों में वर्ष 2017 से 2020 तक खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के तहत आने वाले निजी स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षा संस्थान अधिनियम 1997 की अधारा 13 (1) के तहत शिक्षा विभाग के सक्षम अधिकारी को संबंधित निजी स्कूलों का निरीक्षण करना अनिवार्य है। इस अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत संबंधित निजी स्कूलों को कमियां दूर करने को निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के रिकॉर्ड की जांच के दौरान पाया गया कि केवल इन निजी स्कूलों को मान्यता देने के दौरान ही निरीक्षण किया गया था। औचक निरीक्षण की परफार्मेंस शून्य रही। इस संदर्भ में जनवरी 2021 को प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय हमीरपुर ने जवाब दिया था कि उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के तहत निजी स्कूलों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता रहा है, लेकिन मौके पर कोई रिकॉर्ड ऑडिट टीम को नहीं मिला।

फीस ज्यादा, सुविधाएं कम
जिला हमीरपुर में समय-समय पर अभिभावक सवाल उठाते रहे हैं कि कुछेक निजी स्कूल प्रबंधक मनमाने तरीके से शुल्क में बढ़ोतरी कर रहे हैं। कोविड-19 के दौरान कुछ अभिभावक उपायुक्त से मिले थे। कहा था कि कोविड के कारण स्कूल बंद रहे, लेकिन कुछ निजी स्कूल जबरन शुल्क वसूल रहे हैं। शुल्क जमा न करवाने पर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकियां दी जा रही हैं। हमीरपुर के अलावा शिमला में भी निजी स्कूल अभिभावक संघ ने मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन किए थे।

जिले में यह है स्कूलों की स्थिति
जिला हमीरपुर में 24 प्राइमरी स्कूल, 168 माध्यमिक, 60 उच्च पाठशालाएं और 73 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं निजी क्षेत्र में चल रही हैं। सरकारी क्षेत्र में 480 प्राइमरी स्कूल, 116 माध्यमिक, 66 उच्च और 100 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं हैं। हर साल इन स्कूलों में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं।

एजी कार्यालय से निजी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर ऑब्जेक्शन लगा है। जिले में 480 प्राइमरी और 116 माध्यमिक पाठशालाएं हैं। सरकारी स्कूलों की संख्या अधिक होने के कारण निजी स्कूलों का निरीक्षण करने में दिक्कतें पेश आती हैं, लेकिन भविष्य में निजी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर सभी खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, यह मामला हमीरपुर में मेरी ज्वाइनिंग से पहले का है। – संजय कुमार ठाकुर, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर