Jyotiraditya Scindia Groups Minister: एमपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी मंत्रियों ने नौकरशाही पर सवाल उठाए हैं। एक मंत्री ने तो प्रदेश के मुख्य सचिव को निरंकुश बता दिया। सीएम से मुलाकात के बाद मंत्री ने चुप्पी साध ली है।
भोपाल: एमपी (mp bjp news update) बीजेपी में सब कुछ सामान्य है… ये सफाई प्रदेश के नेताओं की हो सकती है। मगर सामने जो चीजें दिख रही हैं, उसे देखकर आप कतई नहीं कह सकते हैं कि सब कुछ ठीक है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने तीन दिन पहले शिवराज सरकार के सबसे ताकतवर अफसर पर सवाल उठाया। उन्होंने प्रदेश के मुख्यसचिव को निरंकुश करार दे दिया। विवाद बढ़ा तो मामला भोपाल पहुंचा। मंत्री ने सीएम मुलाकात की और मामले का पटाक्षेप हो गया। यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब प्रदेश की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की जुगलबंदी की चर्चा हो रही है। सियासी गलियारों में अब सवाल यह भी हैं कि मुख्य सचिव पर वार के लिए मंत्री को ताकत कहां से मिल रही है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी दो मंत्रियों ने राज्य में नौकरशाही के कामकाज पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए हैं। इससे बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। मंत्रियों का गुस्सा ऐसे समय में सामने आया है, जब सिंधिया और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच बढ़ती दोस्ती के बारे में राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। सिंधिया एक प्रभावशाली नेता हैं और अक्सर उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है।
मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने राज्य की सहकारी संस्था के आयुक्त पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ अशोकनगर कलेक्टर पर भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पत्र लिखाकर अशोक नगर जिले में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं के लिए एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अशोक नगर के मुंगावली से विधायक यादव कथित तौर पर अशोक नगर के जिलाधिकारी से भी नाखुश हैं।
उन्होंने अपने पत्र में इन कथित अनियमित नियुक्तियों की जांच उप जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी से कराने की मांग की है। विवाद बढ़ने पर मंत्री ने चुप्पी साध ली है।
मुख्य सचिव को निरंकुश कह दिया
वहीं, मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सार्वजनिक रूप से गुस्सा का इजहार किया है। गुना में मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि प्रशासन निरंकुश चल रहा है और इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को दोषी ठहराया। सिसोदिया ने शिवपुरी एसपी से भी नाराज हैं। उनकी मंजूरी के बिना कुछ निरीक्षकों के तबादले पर भी नाराजगी जताई है। सिसोदिया शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री हैं।
हालांकि, शुक्रवार को सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान से मिलने के बाद उन्हें अब कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि अब सब कुछ सामान्य है और इस मुद्दे पर बात करने का कोई मतलब नहीं है।
सार्वजनिक रूप से क्यों उठाए सवाल
ऐसे में सवाल है कि दोनों मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से अपनी सरकार पर सवाल क्यों उठाए। दोनों को अगर समस्या थी तब सीएम से मिलकर अपनी बात रख सकते थे। मीडिया में मामला सामने आने के बाद दोनों चुप्पी साध रखी है। ऐसे में सवाल है कि बेहद अनुशासित माने जाने वाली पार्टी के दो मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से क्यों अधिकारियों पर सवाल उठाए हैं। ऐसा करने के लिए उन्हें बल कहां से मिल रहा है।
मुख्य सचिव पर सीधा वार क्यों?
दरअसल, राज्य में मुख्य सचिव सबसे ताकतवार अधिकारी होते हैं। इस पद पर सीएम के चहेते अधिकारियों की ही तैनाती होती है। इकबाल सिंह बैंस को सीएम शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है। साथ ही बेहद भरोसेमंद है। कुछ सियासी जानकारों का कहना है कि मुख्य सचिव पर हमला यानी कि सीधे सीएम पर वार है।
सिंधिया कैलाश की जुगबंदी की भी चर्चा
सिंधिया खेमे के मंत्रियों ने ऐसे समय में राज्य की नौकरशाही पर सवाल उठाए हैं, जब कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोस्ती की चर्चा पूरे प्रदेश में हैं। इंदौर के बाद भोपाल में भी रविवार को दोनों में मुलाकात हुई है। साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद से भी अकेले में मुलाकात की है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय ने एमपी प्रभारी पी मुरलीधर राव से अकेले में मुलाकात की है। दोनों नेताओं की अलग-अलग मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।