हरियाणा के भिवानी में खेली गई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता पर सवाल खड़े हो चुके हैं हिमाचल से कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सदस्य का कहना है कि हरियाणा में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में उनके साथ भेदभाव किया गया, उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाफ सेमीफाइनल खेले जाने से पहले कथित रूप से खिलाड़ियों के ऊपर मानसिक दबाव बनाया गया जिससे हिमाचल की टीम को हार का सामना करना पड़ा।
कबड्डी टीम के खिलाड़ियों के हिमाचल वापस लौटने पर इस मामले में तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। हिमाचल टीम के मैनेजर कम कोच की प्रदेश सरकार के माध्यम से खेल मंत्रालय को इस पूरे मामले के बारे में शिकायत भी दी है। यदि शिकायत सही पाई गई तो भविष्य में हरियाणा से इस प्रतियोगिता की मेजबानी भी छिन सकती है।
कबड्डी सदस्य राजेन्द्र सिंह पेजटा का कहना है कि हिमाचल टीम का सेमीफाइनल में पहुंचना हरियाणा को रास नहीं आ रहा था। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को हिमाचल व महाराष्ट्र टीम के बीच में कब्बडी का क्वाटरफाइनल मैच खेला गया। यह मुकाबला कांटे का हुआ। हिमाचल 3 प्वाइंट से इस मैच जीतने में कामयाब रहा। हिमाचल की अंतिम रेड में रेडर दो प्वाइंट लेकर आया। महाराष्ट्र की टीम ने इन दो प्वाइंट पर प्रोटेस्ट करते हुए कहा कि रेडर आउट है। महाराष्ट्र का प्रोटेस्ट खारिज हो गया और हिमाचल की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि सोमवार को सेमीफाइनल में हिमाचल का मुकाबला हरियाणा से होना था। महाराष्ट्र की टीम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने भी अपने स्तर पर कमेटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि सोमवार सुबह प्रदेश की टीम को महाराष्ट्र के साथ दोबारा से मैच खेलने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, नौबत धक्का मुक्की तक पहुंच गई। जैसे तैसे हिमाचल को सेमीफाइनल खेलने का मौका मिला लेकिन दिनभर हुए हाईवोल्टेज ड्रामा के कारण खिलाड़ी मानसिक व शारीरिक रूप से इतने थक चुके थे कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बता दें कि ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज खेल प्रतियोगिता में प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों के कर्मचारी भाग लेते है। बहरहाल हिमाचल टीम दी गई शिकायत पर खेल मंत्रालय क्या फैसला लेता है ये देखने लायक होगा।