भारत छोड़ कर अमेरिका में बसने के सपने को पूरा करने के लिए गुजरात के एक दंपत्ति ने सारी हदें पार कर दी. खेड़ा, गुजरात (Kheda, Gujarat) के हितेश पटेल (Hitesh Patel) और बिनल पटेल (Binal Patel) ने सरकारी नौकरी छोड़कर, ह्यूमन स्मगलर की मदद से अमेरिका जाने की कोशिश की लेकिन वे अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पकड़े गए.
एक बार टूट चुका था अमेरिका जाने का सपना
विदेश में बसने की ये पटेल दंपत्ति की पहली कोशिश नहीं थी. The Times of India की एक रिपोर्ट के अनुसार, हितेश पटेल और बिनल पटेल ने चार साल पहले भी अमेरिका जाने की कोशिश की थी. उनके पास फ़र्ज़ी पासपोर्ट था और इस वजह से उन्हें आयरलैंड से डिपोर्ट कर दिया गया. जून 2018 में वे आयरलैंड पहुंचे थे और चार दिन बाद ही उन्हें भारत वापस भेज दिया गया. जब उनके पास अमेरिका जाने का एक और मौका आया तो वो ये मौका गंवाना नहीं चाहते थे.
ह्यूमन स्मगलर को दिए 1 करोड़ रुपये
हितेश पटेल को एक ह्यूमन स्मगलर के बारे में पता चला. उसने स्मगलर के साथ 1 करोड़ रुपये की डील साइन की. पेश से हितेश एग्रीकल्चरिस्ट है. वहीं बिनल पटेल सरकारी स्कूल में प्राइमरी टीचर थी. अमेरिका जाने के लिए बिनल ने सरकारी नौकरी तक छोड़ दी. ये सब इस दंपत्ति ने चार साल की बेटी के साथ अमेरिका जाकर बसने के लिए किया.
दोबारा टूट गया अमेरिका जाने का का सपना
पटेल दंपत्ति बीते रविवार को अहमदाबाद हवाई अड्डे से दुबई जा रहा था. दंपत्ति ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से चार साल पहले अपने फ़र्ज़ी पासपोर्ट की वजह से डिपोर्ट होने की बात छिपाई. इस वजह से दोनों को गिरफ़्तार कर लिया गया. स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) के अफ़सरों के अनुसार 32 वर्षीय हितेश और 30 वर्षीय बिनल दुबई-मेक्सिको रूट से अमेरिका पहुंचने की कोशिश में थे. उन्होंने बताया कि मुंबई के ह्यूमन स्मगलर से उन्हें नया पासपोर्ट मिला.
हितेश की बहन और बहनोई अमेरिका में रहते हैं और अच्छी कमाई करते हैं. ये देखकर हितेश ने भी अमेरिका जाकर बसने का मन बना लिया. हितेश के बहनोई ने ही उन्हें ह्यूमन स्मगलर से मिलवाया था.