आप देश के लिए हज़ारों रन बनाएं, विदेशों में भारत को जीत दिलाएं, भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बन जाएं और फिर भी आप में ज़रा सा भी घमंड न आये… ऐसा सिर्फ़ और सिर्फ़ राहुल द्रविड़ ही कर सकते हैं.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और भारतीय सीनियर टीम के कोच राहुल द्रविड़ अपनी बैटिंग स्किल्स के लिए तो जाने ही जाते हैं, दुनिया उन्हें उनकी सादगी के लिए और ज़्यादा प्यार करती है. कई मौके ऐसे आये जब उन्होंने इस बात की हवा नहीं लगने दी कि वो The Wall हैं.
बुक इवेंट में पहुंचे और किसी को पता ही नहीं चला
उनकी सादगी का एक और नमूना हाल ही में लोगों के सामने आया. वो पूर्व क्रिकेटर और भारत से महान बल्लेबाज़ गुंडप्पा विश्वनाथ की बुक डिस्कशन के मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने मास्क लगा रखा था इसलिए कई लोग उन्हें पहचान नहीं पाए. वो आराम से पीछे की सीट में बैठे रहे. यहां तक कि उनके बगल में बैठी लड़की को भी काफ़ी देर बाद पता चला कि उसके बगल में भारतीय मिडिल ऑर्डर का सबसे महान बल्लेबाज़ बैठा है.
सादगी का मतलब राहुल द्रविड़
ट्विटर पर द्रविड़ की सिम्पलिसिटी का ये किस्सा शेयर किया Kashy नाम एक एक यूज़र. ये शख्स भी उस बुकस्टोर में पहुंचा था. उसके ट्वीट के अनुसार, उन्हें द्रविड़ की उपस्थिति का उस समय पता लगा जब गुंडप्पा विश्वनाथ ने उनका नाम पुकारा. वो पीछे की सीट में बैठे हुए और GV के बार-बार कहने पर ही आगे आए.
विश्वनाथ अपनी किताब ‘रिस्ट अश्योर्ड’ Wrist Assured के बारे में बात कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने द्रविड़ का ज़िक्र किया. बुकस्टोर पर मौजूद फैंस की उत्सुकता बढ़ गई और वे विश्वनाथ को छोड़ द्रविड़ के पास पहुंच गए. लेकिन, ये भी द्रविड़ की महानता ही थी कि उन्होंने लोगों से विश्वनाथ की किताब की बात करने को कहा और लोगों का ध्यान अपनी तरफ से हटाया.
इस ट्वीट पर कई लोगों की प्रतिक्रिया आई है. लगभग सभी ने किसी न किसी ऐसे किस्से का ज़िक्र किया है इसमें द्रविड़ की सादगी सामने आई हो. ये ही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ब्रेट ने द्रविड़ के लिए कहा था – ‘if you can’t get along with dravid you’re struggling in life.’ मतलब अगर आपकी द्रविड़ से नहीं बन रही तो यकीनन आपमें कोई कमी है.