Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी के लंच और डिनर को फूड इंस्पेक्टर टेस्ट करते हैं। डिनर के बाद वह हल्की एक्सरसाइज और वॉक करते हैं। राहुल गांधी फिट रहने के लिए दौड़ भी लगाते हैं।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुक्रवार को फरीदाबाद पहुंची तो 107 दिन का सफर पूरा हो गया। वह नौ राज्यों के 46 जिलों से गुजरते हुए 548 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं। 3570 किलोमीटर के सफर का टारगेट है। इस दौरान वह हाफ बाजू की टी-शर्ट में चल रहे हैं। ऐसे में उनकी फिटनेस को लेकर चर्चा बनी हुई है। सफर के दौरान वह कभी चलते हैं तो कभी दौड़ पड़ते हैं। चलने की स्पीड भी इतनी होती है कि अन्य लोगों को लगभग दौड़ना पड़ता है। इसके बाद वह भाषण भी देते हैं और लोगों से जोश के साथ मिलते भी हैं।
यात्रा में राहुल गांधी के साथ-साथ चल रही टीम के नेता बताते हैं कि राहुल गांधी का रूटीन बेहद सख्त है। इतनी ठंड में भी उन्होंने रूटीन नहीं बदला है। वह हर रोज सुबह 4:30 बजे उठ जाते हैं। 5:30 बजे नाश्ता हो जाता है। इसमें फलों को प्राथमिकता दी जाती है। छह बजे वह यात्रा स्थल पर पहुंच जाते हैं।
यात्रा के दौरान पहले रेस्ट पॉइंट से लगभग तीन किलोमीटर पहले वह रास्ते में टी-ब्रेक लेते हैं। चाय के साथ वह मौके पर कुछ खाते भी हैं, मूंगफली या गजक। लंच साधारण लंच लेते हैं। दिन के ब्रेक में वह नींद नहीं लेते, बल्कि लोगों से मुलाकात करते हैं। आगे के लिए प्लान पर बात करते हैं।
शाम को यात्रा समाप्त होने के पॉइंट से करीब तीन किलोमीटर पहले टी-ब्रेक होता है। यात्रा के समापन पर नुक्कड़ सभा अकसर होती है, जिसे वे संबोधित करते हैं। इसके बाद उनका डिनर होता है।
राहुल गांधी बाहर से आया खाना नहीं खाते। रात में सामान्य तौर पर वह किसी से मुलाकात नहीं करते। सोने से पहले करीब एक घंटे स्टडी भी करते हैं और लगभग 11 बजे सो जाते हैं।
वह पैदल चलकर जितनी कैलोरी बर्न करते है, उसकी पूर्ति डाइट से की जाती है। इसके लिए उनके साथ डायटीशन व डॉक्टरों की टीम भी होती है।
यात्रा में शामिल लोगों के अनुसार राहुल गांधी की लाइफस्टाइल में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का टाइम फिक्स है। सर्दी बढ़ने पर कुछ नेताओं ने उनसे यात्रा सुबह छह के बजाय सात बजे से शुरू कराने का भी आग्रह किया, लेकिन राहुल ने इसे स्वीकार नहीं किया। लेट होने वाले यात्रियों को बाद में एंट्री नहीं दी जाती।
स्थानीय नेताओं के साथ मीटिंग कर उनका थिंक टैंक अगले दिन की योजना तैयार करते हैं। हरियाणा में पार्टी के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। वह स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर तय करते हैं कि राहुल का कौन, कहां स्वागत करेगा और कौन पगड़ी पहनाएगा? सोशल मीडिया और ब्रांडिंग को लेकर अलग टीम हैं, जो ट्विटर और फेसबुक से लेकर वेबसाइट तक संभाल रही हैं।
यात्रा में दिखी मिनीभारत की झलक
यात्रा में विभिन्न राज्यों के कांग्रेस नेता शामिल हैं। इनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में दिखीं। लोक नृत्य कलाकार भी साथ रहे। तिरंगा दल और सेवादल साथ चल रहा था। राहुल गांधी के आसपास 500 से 800 मीटर घेरे में तय लोगों को ही घुसने दिया जाता है। ये सब यात्रा शुरू करने से पहले तय कर लिया जाता है कि इस घेरे में कौन-कौन घुसेगा। पुलिस का घेरा अलग होता है। रस्सी से यात्रियों को रोकने का इंतजाम रहता है। एक बार जो नेता राहुल के करीब आया, वह कुछ ही समय बाद वहां से हटकर दूसरे नेता या यात्री को उनके पास आने का मौका दिया जाता है। पीछे वाहनों का काफिला रहा। इनमें एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम भी रहती है।
यात्रियों के लिए खाना बनाने की टीम
भारत जोड़ो यात्रा में खाने की व्यवस्था 100 से अधिक लोगों की टीम संभाल रही है। सामान खरीदने, बनाने और सर्व करने के लिए अलग-अलग टीमें हैं। यात्रा के दौरान पार्टी और राहुल की इमेज बिल्डिंग पर पूरा फोकस किया जाता है। इसके लिए जहां सोशल मीडिया से लेकर वेबसाइट तक पर काम करने वाली टीमें हैं, वहीं रास्ते में उनके साथ बड़े आकार के कटआउट भी साथ चलते हैं। हर जिले में स्थानीय नेता अपने बैनर-पोस्टर लगाते हैं, लेकिन राहुल के बड़े आकार के कटआउट अलग से होते हैं, जो हर जिले व राज्य में साथ जाते हैं।