कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड-एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ सौदे से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज ईडी के समक्ष पेश होंगे. ऐसे में कांग्रेस ने फैसला किया है कि उसके सभी शीर्ष नेता और सांसद दिल्ली में पार्टी मुख्यालय ’24 अकबर रोड’ से ईडी मुख्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे और ‘सत्याग्रह’ करेंगे. राज्यों में भी कांग्रेस नेता सोमवार को जांच एजेंसी के कार्यालयों तक मार्च निकालेंगे और ‘सत्याग्रह’ करेंगे. राहुल गांधी के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने से पहले कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख ‘पीछे नहीं हटेंगे.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि धन शोधन मामले में राहुल गांधी को भेजा गया ईडी का समन ‘निराधार’ है और ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा नेता या पार्टी द्वारा शासित राज्य जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं. राहुल और सोनिया गांधी को ईडी के समन और सोमवार को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के निर्देश को लेकर कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन के फैसले के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘मैं एक कांग्रेस सदस्य और एक वकील के रूप में अपनी बात रखना चाहता हूं. राहुल गांधी को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत भेजा गया ईडी का समन निराधार है.’
पी. चिदंबरम ने कहा- धन शोधन का आरोप है, लेकिन न ‘धन’ है और न ‘धन शोधन’ हुआ
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘धन शोधन के अपराध में धन और धन शोधन होना चाहिए. नेशनल हेराल्ड मामले में कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया है और उधार देने वाले बैंक नियमित आधार पर ऐसा करते हैं. इस मामले में पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ, इसलिए इसे धन शोधन का मामला कैसे कहा जा सकता है.’ उन्होंने दलील दी, ‘यह एक व्यक्ति पर बटुआ छीनने का आरोप लगाने जैसा है, जबकि कोई बटुआ था ही नहीं और छीना भी नहीं गया.’ चिदंबरम ने कहा कि वह कांग्रेस सदस्य के रूप में पार्टी के नेता राहुल गांधी के साथ एकजुटता व्यक्त करेंगे और सोमवार को उनके साथ ईडी कार्यालय तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल रहेंगे.
राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने देशभर में किया प्रेस कॉन्फ्रेंस
इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाने और भाजपा पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाने के लिए देशभर में कई स्थानों पर संवाददाता सम्मेलन किए. लखनऊ में सचिन पायलट, रायपुर में विवेक तन्खा, भोपाल में दिग्विजय सिंह, शिमला में संजय निरुपम, चंडीगढ़ में रंजीत रंजन, अहमदाबाद में पवन खेड़ा और देहरादून में अलका लांबा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. कोई सबूत नहीं है. प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर झूठे प्रकरण बनाए जा रहे हैं और मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामला इसका प्रमाण है.’
उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘दबाव की राजनीति करना और झूठे प्रकरण बनाना सरकार की आदत बन चुकी है. यह राहुल और सोनिया पर राजनीतिक दबाव डालने का कुटिल प्रयास है.’ वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी द्वारा नोटिस जारी किए जाने के पीछे की वजह ‘राजनीतिक प्रतिशोध की भावना’ है, क्योंकि वे निर्भीकता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल कर रहे हैं. कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से पवन खेड़ा ने कहा, ‘इसमें रत्तीभर भी अवैध गतिविधि नहीं है. उसके बाद भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ईडी द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से नोटिस जारी किए गए, जिसका मकसद हफ्तेभर कुछ सुर्खियां बटोरना है