Rahul Muslim Brotherhood: राहुल गांधी ने जिस मुस्लिम ब्रदरहुड से की RSS की तुलना, मिस्र के ‘आतंकी’ संगठन की कहानी जानिए

Rahul Gandhi On RSS Muslim Brotherhood: राहुल गांधी ने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की तुलना मिस्र के आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की है। राहुल गांधी ने आरएसएस को ‘फांसीवादी’ संगठन तक करार दे द‍िया। मिस्र का मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे चुका है। इसने मिस्र के एक प्रधानमंत्री की हत्‍या तक कर दी थी।

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राहुल गांधी ने आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की
लंदन: भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ब्रिटेन के दौरे पहुंचे हैं। राहुल लगातार बीजेपी और राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ को लेकर हमले कर रहे हैं। ताजा बयान में राहुल गांधी ने आरएसएस को एक ‘फांसीवादी’ संगठन बता दिया जिसने भारत के लगभग सभी संस्‍थानों पर कब्‍जा कर लिया है। यही नहीं कांग्रेस नेता ने लंदन में आरएसएस की तुलना मिस्र के विवादित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से कर दी। मुस्लिम ब्रदरहुड एक ऐसा संगठन है जिसे कई देशों में आतंकी गतिविधियों में लिप्‍त संगठन माना जाता है। राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आइए जानते हैं कि कौन मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन और उसका पूरा इतिहास…

मुस्लिम ब्रदरहुड की स्‍थापना साल 1928 में मिस्र में हुई थी। वहीं आरएसएस की स्‍थापना साल 1925 में हुई थी। मुस्लिम बद्ररहुड एक कट्टरपंथी इस्‍लामिक संगठन है। यह संगठन अलकायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकियों से इस मामले में अलग है कि यह सीमा के पार मुस्लिम उम्‍मा की स्‍थापना के लिए हिंसात्‍मक क्रांति नहीं करना चाहता है। मुस्लिम ब्रदरहुड को लोकतंत्र से कोई दिक्‍कत नहीं है। मुस्लिम ब्रदरहुड की रणनीति यह है कि समाज के साथ और उसके अंदर रहकर काम करना और लोगों में अपने विचार को फैलाना है। मुस्लिम ब्रदरहुड की स्‍थापना हसन अल बन्‍ना ने की थी जो अपने राजनीतिक इस्‍लाम, शरिया कानून, हिंसा और आतंकवाद के लिए जाना जाता है।

मुस्लिम ब्रदरहुड का शरिया कानून पर जोर

मुस्लिम ब्रदरहुड की विवादित नीत‍ियों के कारण इसे सऊदी अरब, यूएई और कई अन्‍य मुस्लिम देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुस्लिम ब्रदरहुड आधुनिक इस्‍लामिक समाज बनाने के लिए कुरान और हदीस आधारित नीतियों को लागू करने पर जोर देता है। मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र, सूडान, सीरिया, फलस्‍तीन, लेबनान और उत्‍तरी अफ्रीका के कई देशों तक फैला हुआ है। कहा जाता है कि साल 1940 के दशक तक मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्‍यों की संख्‍या 5 लाख तक पहुंच गई थी। यह संगठन शुरू में धार्मिक और शैक्षिक गतिविधियों तक ही सीमित रहा और इसकी वजह से इसके सदस्‍यों की संख्‍या काफी तेजी से बढ़ी। इसके बाद मुस्लिम ब्रदरहुड राजनीति में आना शुरू हो गया और उसने तत्‍कालीन मिस्र की सत्‍तारूढ़ पार्टी वफद के खिलाफ खुद को खड़ा करना शुरू कर दिया।

मिस्र के प्रधानमंत्री महमूद फहमी की हत्‍या की

साल 1940 के दशक के शुरुआत में मुस्लिम ब्रदरहुड को कई हिंसात्‍मक गतिविधियों में शामिल पाया गया। इसमें बम विस्‍फोट और राजनीतिक हत्‍याएं शामिल हैं। मिस्र की सरकार ने जब मुस्लिम ब्रदरहुड को भंग करना चाहा तो उसने देश के प्रधानमंत्री महमूद फहमी की दिसंबर 1948 में हत्‍या कर दी। इसके कुछ ही समय बाद मुस्लिम ब्रदरहुड के संस्‍थापक हसन अल बन्‍ना की भी हत्‍या कर दी गई। कई लोगों का कहना है कि मिस्र की सरकार की ओर से इस हत्‍याकांड को अंजाम दिया गया था। इसके बाद मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्‍य अंडरग्राउंड हो गए। इसके बाद 26 अक्‍टूबर 1954 को मिस्र के राष्‍ट्रपति अब्‍दुल नासिर की मुस्लिम ब्रदरहुड की ओर से हत्‍या की कोशिश की गई। इस घटना के बाद ब्रदरहुड को जबरन दबाने की कोशिश तेज हो गई।

मुस्लिम ब्रदरहुड म‍िस्र में आतंकी संगठन घोषित

मुस्लिम ब्रदरहुड के 6 सदस्‍यों को फांसी दे दी गई। साल 1980 के दशक में एक बार फिर से मुस्लिम ब्रदरहुड का उदय हुआ और इस्‍लामिक देशों में धार्मिक गतिविधियां तेज हो गईं। मुस्लिम ब्रदरहुड का अब नया इरादा है कि समाज को फिर से संगठ‍ित किया जाए और सरकार को इस्‍लामिक सिद्धांतों के मुताबिक चलाया जाए। मुस्लिम ब्रदरहुड ने सीरिया के शहर हमाह में एक क्रांति करने की कोशिश की जिसे सरकार ने कुचल दिया। माना जाता है कि इसमें 25 हजार से ज्‍यादा लोग मारे गए। इसी समय मुस्लिम ब्रदरहुड ने मिस्र और जॉर्डन में अपने पैर पसारने शुरू किए। मिस्र में बैन के बाद भी साल 2000 के चुनावों में मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्‍यों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 17 सीटों पर जीत हासिल की।

साल 2005 के चुनाव में मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थकों को भारी सफलता मिली और उन्‍हें 88 सीटें मिलीं। इसके बाद उनके खिलाफ सरकारी प्रतिबंध और कड़े हो गए। सितंबर 2013 में काहिरा की अदालत ने औपचारिक रूप से मुस्लिम ब्रदरहुड पर बैन को फिर से बहाल कर दिया और इस संगठन की गतिविधियों पर बैन लगा दिया। बाद में इसी साल मुस्लिम ब्रदरहुड को आधिकारिक रूप से आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया। मिस्र उस समय ऐसा करने वाला दूसरा देश था। राहुल गांधी का कहना है कि ये दोनों ही संगठन लगभग एक ही समय में बने थे और दोनों के बीच काफी समानताएं भी हैं।

राहुल गांधी ने लंदन में क्‍या-क्‍या कहा

राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह मानना अच्छा लगता है कि भारत में हमेशा वही सत्ता में रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कहना हास्यास्पद है कि कांग्रेस का समय ‘खत्म’ हो गया है। ब्रिटेन यात्रा पर पहुंचे राहुल गांधी ने सोमवार शाम इस बात पर भी जोर दिया कि राजनीतिक संवाद की बदलती प्रकृति पर ध्यान न देना कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की विफलता का एक प्रमुख कारण बना। उन्होंने कहा, ‘अगर आप आजादी से लेकर आज के समय को देखेंगे तो कांग्रेस अधिकतर समय सत्ता में रही।’ गांधी ने कहा, ‘भाजपा के 10 साल तक सत्ता में रहने से पहले हम 10 साल तक सत्ता में थे। भाजपा को यह मानना अच्छा लगता है कि वह भारत में सत्ता में आई है और हमेशा वही सत्ता में बनी रहेगी, हालांकि ऐसा नहीं है।’ राहुल गांधी ने आरएसएस को एक सीक्रेट समाज करार दिया जो मुस्लिम ब्रदरहुड की तरह से बना है।