कालका से शिमला ऐतिहासिक रेल ट्रैक पर चलाए जाने वाली नवनिर्मित व सभी आवश्यक सुविधाओं से पूर्ण ट्रेन डीजल हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट का तीसरा परीक्षण असफल रहा। कालका-शिमला ट्रैक पर 16 फरवरी को किए पहले ट्रायल में ट्रेन मात्र 500 मीटर ही चल पाई थी।
दूसरा ट्रायल 19 फरवरी को हुआ था, जिसमें कालका से टकसाल रेलवे स्टेशन पहुंच कर इंजन गर्म हो गया था। वहीं तीसरे ट्रायल में ट्रेन को कोटी रेलवे स्टेशन तक आना था, लेकिन टेक्निकल कारणों के चलते स्पेशल ट्रेन केवल गुम्मा रेलवे स्टेशन तक का ही सफर तय कर पाई। इसके ट्रायल के लिए IRDSO की टीम लखनऊ से आई हुई थी, जो अब वापस लौट गई है। बता दें कि टीम ने ट्रेन सेट ट्रायल पूरा होने पर इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपनी थी।
उधर, कालका सीनियर सेक्शन इंजीनियर ईश्वर लाल नेगी ने बताया कि ट्रेन में डीजल इंजन नीचे लगा होने के चलते उसमें हवा नहीं लग रही थी, जिस वजह से इंजन गर्म हो रहा है। वहीं लखनऊ से आई टीम सभी पहलुओं पर गौर कर अपनी रिपोर्ट लेकर वापस चली गई है।