Railway Alert For Group D Exam: रेलवे ग्रुप डी की परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षा की शुरुआत होते ही दलाल सक्रिय हो गए हैं। छात्रों को ये लोग नौकरी का प्रलोभन दे रहे हैं। साथ ही उनसे ठगी कर रहे हैं। इसे लेकर रेलवे ने उन्हें अलर्ट किया है।
भोपाल: आरआरबी ग्रुप डी स्टेज 4 सीबीटी (railway group d exam alert) की परीक्षा की शुरुआत हो गई है। सात अक्टूबर तक यह परीक्षा चलेगी। परीक्षा की शुरुआत के साथ ही छात्रों को कुछ लोग तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। इस झांसे में फंसकर छात्रों बहुत कुछ गवां देते हैं। ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसके बाद भोपाल रेल मंडल की तरफ से छात्रों को अलर्ट किया गया है। छात्रों को चेताया गया है कि दलानों के झांसे में नहीं आए और सावधान रहें। साथ ही परीक्षार्थियों को रेलवे ने नौ सवालों के जवाब देकर अलर्ट किया है। अगर छात्रों को ऐसे झांसे दिए जाते हैं तो भोपाल रेल मंडल की तरफ से जारी नंबरों पर कॉल कर सकते हैं। इसके साथ ही ईमेल भी कर सकते हैं।
सवाल: आरआरबी भर्ती में आवेदन के लिए फॉर्म जमा करने के फर्जी दावे किए जा रहे हैं। क्या आवेदन प्रक्रिया अभी भी खुली है?
जवाब: नहीं, वर्ष 2019 में सीईन आरआरसी 01/2019-स्तर 1 (पूर्ववर्ती ग्रुप डी) भर्ती के लिए आरआरबी ने आवेदन आमंत्रित किए थे। यह परीक्षा पहले कोविड महामारी के कारण आयोजित नहीं की जा सकी थी। आवेदन प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है।
सवाल: क्या परीक्षा से पहले या परीक्षा शुरू होने पर उम्मीदवार को उत्तर कुंजी मिलना संभव है?
जवाब: प्रश्न पत्र बहुत अधिक एन्क्रिप्टेड रूप में होता है और उम्मीदवार के अलावा किसी और के पास प्रश्न पत्र पहुंचना संभव नहीं होता है। उम्मीदवार को परीक्षा शुरू होने के समय कंप्यूटर में दूसरा लॉगिन करने के बाद ही प्रश्न पत्र देखने को मिलता है। प्रश्न पत्र का अंतिम डिक्रिप्शन इसी समय होता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति की तरफ से कोई भी उत्तर कुंजी तैयार नहीं की जा सकती है और इस तरह के दावे पूरी तरह से झूझे, निराधार और भ्रामक है।
सवाल: आरआरबी ने परीक्षाओं में गलत तरीकों को रोकने के लिए क्या उपाय किए हैं?
जवाब: प्रश्न पत्र में प्रश्नों के क्रम को प्रत्येक अभ्यर्थी के साथ फेरबदल किया जाता है। साथ ही साथ प्रश्न के लिए उपलब्ध सभी चार विकल्पों की क्रम संख्या में भी फेरबदल होता है। परीक्षा केंद्रों में प्रत्येक उम्मीदवार के पास एक भिन्न प्रश्न पत्र होता है। यह अपने आप में यूनिक होता है। दिए गए प्रश्नों और विकल्पों के क्रम के साथ किसी भी दो उम्मीदवारों के पास सामान प्रश्न पत्र नहीं हो सकते हैं। यह बिना मानवीय हस्तक्षेप से कंप्यूटर लॉजिक के माध्यम से तैयार की गई एक प्रणाली है। उम्मीदवार को दिए गए यूनिक प्रश्न पत्र की उत्तर कुंडी बनाना सभंव नहीं है।
सवाल: क्या परीक्षा केंद्र में मनचाहा केंद्र, मनचाही लैब/कक्ष या मनचाही नोड/ सीट हासिल करना संभव है?
जवाब: उम्मीदवारों को केंद्र का आवंटन कंप्यूटर लॉजिक के माध्यम से रैंडम रूप से किया जाता है। परीक्षा की तारीख से चार दिन पहले ही उम्मीदवार को परीक्षा केंद्र की जानकारी दी जाती है। एक बार जब उम्मीदवार को परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करते हैं और अपना पंजीकरण करते हैं, तो कंप्यूटरीकृत रेंडमाइजेशन के माध्यम से लैब/कमरे का आवंटन किया जाता है। उम्मीदवार लैब में पहुंचने पर नोड उसी तरह आवंटित की जाती है। इसलिए कोई भी आपको मनचाहा केंद्र, मनचाया कमरा या मनचाही नोड/सीट सुनिश्चित नहीं करा सकता है।
सवाल: आरआरबी द्वारा गलत तरीके रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए गए हैं?
जवाब: परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थी के बायोमीट्रिक से आधार के मिलान द्वारा अभ्यर्थी के सत्यापन की अखिल भारतीय स्तर पर शुरुआत रेलवे द्वारा आरआरबी परीक्षाओं में कर दी गई है, जो कि अपने आप में सर्वप्रथम है। यह पहले से मौजूद उपायों, जैसे की प्रत्येक कंप्यूटर का सीसीटीवी कवरेज, भर्ती प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में बायोमेट्रिक्स कैप्चर करना, हस्तलिखित पैराग्राफ और तस्वीरें लेना, परीक्षा के बीच में और प्रत्येक बायो-ब्रेक के बाद बायोमैट्रिक सत्यापन है।
सवाल: परीक्षा प्रक्रिया पर निगरानी कैसे की जाती है?
जवाब: परीक्षा से पहले/उसके दौरान/ बाद में कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। परिणामस्वरूप, अनुचित साधानों में संलिप्त उम्मीदवारों को नियमित रूप से पकड़ा जा रहा है और उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। आरआरबी किसी भी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सर्वर रूम में एक आरपीएफ कर्मी सहित दो व्यक्तियों को भी तैनात करता है।
सवाल: क्या कोई उम्मीदवार परीक्षा के अंत में सभी प्रश्नों का उत्तर दे सकता है?
जवाब: अभ्यर्थी की तरफ से कंप्यूटर पर की गई सभी गतिविधियों का लॉग रिकॉर्ड रखा जाताहै और ऐसे उम्मीदवारों को उनकी असामान्य गतिविधि के लिए पहचान कर उन पर कार्यवाही की जाती है।
सवाल: क्या कोई व्यक्ति आपको संदिग्ध माध्यमों से रेलवे में नौकरी दिलाना सुनिश्चित कर सकता है ?
जवाब: जैसा कि ऊपर बताया गया है, किसी व्यक्ति के लिए रेलवे में उम्मीदवार का चयन अनैतिक तरीकों से करवाना असंभव है। आरआरबी ने गलत तरीकों में लिप्त उम्मीदवारों और व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस स्टेशनों में एफआईआर/जीडी दर्ज की है और ऐसे उम्मीदवारों को आजीवन आरआरबी परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया है।
सवाल: उम्मीदवार फर्जी माध्यमों से रोजगार उपलब्ध कराने के इन सभी झूठे दावों की रिपोर्ट कहां करें?
जवाब: बहुत सारे दलाल और डीलर सक्रिय है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे तत्वों के शिकार न हों और अपने कैरियर की संभावनाओं को नुकसान न पहुंचाएं। ऐसे सभी मामलों की सूचना तुरंत निम्नलिखित नंबर और ईमेल आईडी पर दी जानी चाहिए।