ऊना में किसानों पर बरपा बारिश का कहर, पानी में डूबी आलू की फसल

rain wreaked havoc on farmers in una

ऊना जिले में 2 दिन से हो रही बारिश से किसान चिंतित हैं। इस बारिश से फसलों को भी काफी नुक्सान पहुंच रहा है। बारिश से खेत-खलिहान पानी में डूबे हुए हैं। अनेक स्थानों पर आलू की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है।

ऊना (मनोहर): ऊना जिले में 2 दिन से हो रही बारिश से किसान चिंतित हैं। इस बारिश से फसलों को भी काफी नुक्सान पहुंच रहा है। बारिश से खेत-खलिहान पानी में डूबे हुए हैं। अनेक स्थानों पर आलू की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। इससे किसानों को काफी नुक्सान उठाना पड़ा है। अनेक स्थानों पर हालात ये बन गए थे कि किसानों को आलू की फसल में खड़े बरसाती पानी को निकालने के लिए मजदूर तक लगाने पड़े। किसानों ने हाल ही में आलू की फसल की बिजाई की थी। अनेक किसानों ने 15 सितम्बर के आसपास आलू की बिजाई का काम खत्म किया था और अब 2 दिनों से हुई बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

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अगस्त की तुलना में सितम्बर में अधिक बरसे मेघ
जिला में सितम्बर माह में अगस्त माह की तुलना में अधिक मेघ बरसे हैं। सितम्बर माह में अब तक 172 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो चुकी है जबकि अभी इस माह के 5 दिन शेष बचे हैं। यदि अगस्त माह की बात करें तो पूरे माह में केवल 141.8 मिलीमीटर बारिश पड़ी थी। सितम्बर माह में 3 सितम्बर को 18.4 मिलीमीटर, 4 सितम्बर को 14.8 मिलीमीटर बारिश, 6 सितम्बर को 2.8 मिलीमीटर, 12 सितम्बर को 30.4, 15 सितम्बर को 1 मिलीमीटर, 23 सितम्बर को 6.6 मिलीमीटर जबकि 24 से 25 सितम्बर तक 24 घंटे में 78.6 मिलीमीटर बारिश पड़ी है। इसके बाद भी दिन में जोरदार बारिश जारी थी। सुबह 8 बजे से सायं तक 20 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

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जुलाई व अगस्त में नहीं हुई इतनी बारिश जितनी 24 घंटों में हुई
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जुलाई व अगस्त माह में इतनी अधिक बारिश नहीं पड़ी जितनी सितम्बर माह में 24 जुलाई सुबह 8 से 25 जुलाई सुबह 8 बजे तक पड़ी है। बरसात के मौसम में केवल 3 जुलाई को सबसे अधिक बारिश पड़ी थी। उस समय 51.6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी। इसके अलावा जुलाई व अगस्त माह में जितनी भी बारिश हुई उसका आंकड़ा इससे नीचे ही रहा है।

बारिश से मौसम कूल-कूल
जिला ऊना में हुई बारिश से स्वां नदी के साथ-साथ इसकी सहायक खड्डें भी पानी से भर गई हैं। इससे पहले स्वां नदी व खड्डों में पानी का स्तर कम हो गया था। बारिश के चलते मौसम कूल-कूल हो गया है। पिछले कई दिनों से उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को काफी राहत मिली है।