रांची. झारखंड सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 18 अधिकारियों का स्थानांतरण और पदस्थापन किया है. योजना एवं विकास विभाग के सचिव राहुल शर्मा को राज्यपाल के प्रधान सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. अब राज्यपाल के प्रधान सचिव के तबादले को लेकर राजभवन और सरकार में तल्खी देखने को मिली रही है. राजभवन राजपाल रमेश बैस के प्रधान सचिव के स्थानांतरण को लेकर काफी गंभीर है.
सूत्रों के मुताबिक राजभवन ने सोमवार को प्रभारी मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह से पूछा कि बिना पूछे उनके प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी का ट्रांसफर किस परिस्थिति में किया गया. सोमवार को प्रभारी मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह शिष्टाचार मुलाकात के लिए राजभवन गए थे. इसी दौरान राज्यपाल ने प्रधान सचिव के तबादले पर आपत्ति जताई.
बता दें, तबादले के अनुसार डॉक्टर कुलकर्णी को राज वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया, वहीं राहुल शर्मा को राज्यपाल के प्रधान सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. राजभवन ने प्रभारी मुख्य सचिव से कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय से बात की जाएगी. राजभवन के अनुसार अब तक की परंपरा रही है कि राज्यपाल के प्रधान सचिव, एडीसी आदि को पदस्थापित करने या तबादला करने से पहले एक बार पूछ लिया जाता है. राज्यपाल के पास इसके लिए तीन नाम भेजे जाते हैं, जिस पर उनकी सहमति के बाद किसी एक अधिकारी को पदस्थापित किया जाता है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया.
राजभवन ने पहले भी जताई थी आपत्ति
इससे पूर्व भी राज्यपाल ने मुख्य सचिव को झारखंड विधानसभा से पारित विधेयक में राजभवन द्वारा इंगित त्रुटि को अपने स्तर पर ही सुधार कर राजभवन भेज देने पर कड़ी आपत्ति जतायी थी. राज्यपाल ने मुख्य सचिव से लिखित रूप से कहा कि विधेयक में कोई त्रुटि रहती है, तो उसे सुधार पर विधानसभा से ही पुन: पारित करा कर राजभवन भेजा जाये. इस मामले में राज्यपाल ने राज्य के प्रशासनिक काम-काज पर भी सवाल उठाया था. बता दें, डॉ नितिन मदन कुलकर्णी राज्यपाल के प्रधान सचिव के साथ दक्षिणी छोटानागपुर के आयुक्त के पद पर भी थे.