बॉलीवुड एक्टर राज कपूर। आज यानी 14 दिसंबर को इनकी बर्थ एनिवर्सरी होती है। इस मौके पर हम आपको उनके उस आलीशान घर के बारे में बताएंगे जिसकी हालत एकदम जर्जर हो गई है। वह जो भारत में नहीं है बल्कि पाकिस्तान में है और उसे छोड़कर वह परिवार के साथ मुंबई आ गए थे।
Raj Kapoor की फिल्में अपने समय से बहुत आगे रही हैं। फिल्में बनाना सिर्फ उनका पेशा नहीं, प्यार था। भारतीय सिनेमा के इतिहास में वह ऐसे फिल्ममेकर हैं, जिन्होंने फिल्ममेकिंग में सबसे ज्यादा प्रयोग किए। ‘आवारा’ से लेकर ‘बॉबी’ और ‘मेरा नाम जोकर’ से लेकर ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी फिल्में उनके इसी जुनून की कहानी कहती हैं। राज कपूर सिर्फ भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी काफी पॉपुलर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में खटास तो हमेशा से रहे, लेकिन राज कपूर कहीं न कहीं वो कड़ी थे, जिन्होंने दोनों मुल्कों के लोगों को हमेशा जोड़ने का काम किया।
पेशावर छोड़ मुंबई आ गया था राज कपूर का परिवार
राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर खुद को पेशावर का ‘हिंदू पठान’ कहते थे। पेशावर के किस्सा ख्वानी इलाके में ही पृथ्वीराज कपूर से लेकर राज कपूर का बचपन बीता। राज कपूर का पुश्तैनी घर यानी ‘कपूर हवेली’ आज भी पेशावर की सबसे मशहूर इमारत है। इस तीन मंजिला हवेली का निर्माण राज कपूर के दादा दीवान बशेस्वरनाथ कपूर ने 1918-22 के दौरान करवाया था। राज कपूर तब 6 साल के थे, जब 1930 में कपूर परिवार मुंबई आ गया। इसके बाद कभी-कभी पेशावर जाना होता था। लेकिन 1947 में विभाजन के बाद यह सिलसिला बंद हो गया।
बरसों से सूनी पड़ी करोड़ों की हवेली की जर्जर हालत
कपूर परिवार के मुंबई आने बाद कपूर हवेली सूनी पड़ गई। इस हवेली में 40 कमरे हैं। साल 1968 की एक नीलामी में चारसद्दा शहर के एक स्थानीय व्यक्ति ने सेटलमेंट क्लाउज यानी बंदोबस्त खंड के तहत यह हवेली खरीद ली और फिर इसे पेशावर के ही एक शख्स को बेच दिया। बरसों से बंद पड़ी इस हवेली की हालत जर्जर हो चुकी है। लिहाजा, खैबर पख्तूनख्वा सरकार पाकिस्तान में IMGC ग्लोबल एंटरटेनमेंट की मदद से इसे एक म्यूजियम बनाने की तैयारी में है। साल 2021 में, पेशावर के उपायुक्त ने कपूर हवेली की कीमत 1.50 करोड़ रुपये आंकी थी। इस हवेली के मौजूदा मालिक, गुल रहमान मोहम्मद हैं, जिन्होंने म्यूजियम बनाने के लिए हवेली देने की बात तो मान ली, लेकिन इसके लिए सरकार से 2 करोड़ रुपये मांगे।
जब पाकिस्तानी सैनिकों को मिली राज कपूर की खबर
राज कपूर को जितना प्यार हिंदुस्तान ने दिया, उतना ही पाकिस्तान ने भी। उनकी फिल्में पाकिस्तान में भी खूब देखी जाती थीं। ‘बॉबी’ आज भी पाकिस्तान में सबसे ज्यादा देखी और कमाई करने वाली फिल्मों में से है। वैसे, ‘बॉबी’ की शूटिंग का एक किस्सा पाकिस्तान का भी है। राज कपूर तब फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में कश्मीर गए थे। इच्छा हुई तो राज कपूर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात सैनिकों से मिलने पहुंचे। वायरलेस पर खबर आई तो भारतीय सैनिकों ने राज कपूर के लिए चाय-पकौड़ों का इंतजाम किया था। तभी सरहद पार हलचल हुई। पाकिस्तानी रेंजर्स की गाड़ियों का एक काफिला आया।
सरहद पार से जलेबी लेकर आए थे पाकिस्तानी सैनिक
बताया जाता है कि राज कपूर वहां भारतीय सैनिकों के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे। उसी वक्त पाकिस्तानी सैनिकों से भरी एक से ज्यादा जीप वहां पहुंची। पाकिस्तानी सैनिकों ने राज कपूर से मिलने की गुजारिश की। वो सैनिक अपने शोमैन के लिए जलेबियां लेकर आए थे। कहते हैं कि सरहद पार का यह प्यार देखकर तब राज कपूर इमोशनल हो गए थे। बचपन में पेशावर की गलियों का वह लगाव शायद सिहरन बनकर रगों में दौड़ने लगा था। कला का काम नफरत बांटना नहीं, प्यार का संदेश देना है। राज कपूर में वो ताकत थी।