ज़िला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश के सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्यान (Simbalbara National Park) में पहली बार ट्रैप कैमरे से बाघ की तस्वीर खिंची गई. वन विभाग के अधिकारियों ने ट्रैप कैमरा लगाए थे और उसी में बाघ की अद्भुत तस्वीर कैद हुई. जनवरी 2022 में सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्दान में बाघ के पैरों के निशान मिले थे.
सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्दान में पहली बार दिखा बाघ
शिमला वाइल्डलाइफ़ डिविज़न (Shimla Wildlife Division) ने ट्विटर पर ये खुशखबरी दी. ट्वीट में लिखा गया,’हमारे जंगल में राजा का स्वागत है. सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार बाघ देखा गया. हिमाचल प्रदेश में ट्रैप कैमरे से खिंची गई ये पहली बाघ की तस्वीर है.’ ये पोस्ट 21 फरवरी को शेयर किया गया था और अब तक इस पर 200 से ज़्यादा लाइक्स आ चुके हैं.
IFS मेहरा ने की पुष्टि
इस तस्वीर पर IFS सुुरेंद्र मेहरा ने भी रिप्लाई किया. उन्होंने बताया कि ज़्यादा डेन्सिटी वाले इन जंगलों में बाघ घूमते-फिरते रहते हैं. मॉर्डर्न टूल्स, जैसे की कैमरा ट्रैप्स इसी बात की पुष्टि करते हैं. IFS ने कहा कि जंगलों में रहने वाले वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सही मैनेजमेंट की ज़रूरत है.
IFS ने बताया पुराने बाघ कॉरिडोर का महत्त्व
IFS परवीन कास्वान ने भी ये तस्वीर शेयर की. कास्वान ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि इस तस्वीर सिम्बलबाड़ा, कालेसर और राजाजी राष्ट्रीय उद्दान के पुराने बाघ कॉरिडोर की महत्व पता चलता है. अभी भी ऑर्गैनिक कनेक्शन है.
सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्दान के बारे में कुछ फ़ैक्ट्स
सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्दान हिमाचल प्रदेश की पोंटा घाटी में है. ये हरियाणा के स्टेट बॉर्डर के पास है. सिम्बलबाड़ा राष्ट्रीय उद्दान को कर्नल शेर जंग राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है. 1958 में सिम्बलबाड़ा वाइल्डलाइफ़ सैंचुरी की स्थापना की गई, 2010 में इसे राष्ट्रीय उद्दान बनाया गया. हिमाचल प्रदेश का ट्रैवल ऐंड टूरिज़्म विभाग इस राष्ट्रीय उद्दान की देख-रेख करता है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले बाघों से जुड़ी एक बुरी खबर आई थी. सिर्फ़ 39 दिनों में देश ने 24 बाघ खो दिए. सिम्बलबाड़ा में बाघ का दिखना सकारात्मक खबर है.