Rajasthan: स्कूल में पिटाई से दलित छात्र की मौत में मटकी पर अटकी जांच, जानें क्या है पूरा सच

जालोर. राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल में टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत (Dalit student death case) का मामला लगातार गरमाता जा रहा है. एक तरफ मृतक छात्र के पिता का आरोप है कि स्कूल में मटकी को छू लेने के कारण उसके बेटे की पिटाई की गई थी. दूसरी तरफ स्कूल के अन्य बच्चों और टीचर का कहना है कि स्कूल में कोई कोई मटकी है ही नहीं. सब टंकी से पानी पीते हैं. इस बीच मटकी को छूने के कारण दलित छात्र पिटाई का मामला तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. हालांकि घटना के बाद जिला प्रशाासन में जालोर में नेटबंदी (Internet) कर दी है. लेकिन मटकी का यह मामला सोशल मीडिया में बहस का मुद्दा बन गया है. पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही तस्वीर साफ हो पायेगी.

जालोर के एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल का कहना है कि आरोपी टीचर के खिलाफ मर्डर और SC-ST एक्ट में मामला दर्ज कर टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. मटकी वाली बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है. स्कूल में पानी की एक बड़ी टंकी है. वहीं सारे लोग पानी पीते हैं. ऐसी जानकारी सामने आई है. स्कूल में पढ़ाने वाले एक दलित समाज के टीचर ने भी यही बात बताई है.

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने बोला गहलोत सरकार पर हमला
दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मामले की जांच केस ऑफिसर स्कीम में कराने और पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने की घोषणा की है. लेकिन इस पूरे मामले से गहलोत सरकार एक बार फिर से बीजेपी के निशाने पर आ गई है. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने बच्चे का वीडियो शेयर करते हुये कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक मासूम बच्चे को पानी पीने की सजा टीचर की पिटाई से मौत के रूप में मिली है. राजस्थान को ये किस सामाजिक वातावरण में झोंका जा रहा है जहां एक ओर तुष्टिकरण का पक्षपात तो दूसरी ओर जातिगत श्रेष्ठता का जहर पसर रहा है.

पिता का आरोप जातिवाद के नाम पर पीटा गया बेटे को
वहीं मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के पिता देवाराम का यह भी आरोप है कि स्कूल में जातिवाद के नाम पर उसके मेरे बेटे की पिटाई की गई. बकौल देवाराम सामान्य दिनों की तरह 20 जुलाई को भी इंद्र स्कूल गया था. सुबह करीब साढ़े दस बजे उसे प्यास लगी. उसने स्कूल में रखी मटकी से पानी पी लिया. उसे नहीं पता था कि यह मटकी स्कूल के टीचर छैल सिंह के लिए रखी गई है. इससे सिर्फ छैल सिंह ही पानी पीते हैं. छैल सिंह ने इंद्र को बुलाया और जमकर पीटा. इतना पीटा की उसकी दाहिनी आंख और कान में अंदरुनी चोटें आईं.

पहले लगा कि हल्की चोट आई है, लेकिन ऐसा नहीं था
देवाराम ने यह आरोप भी लगाया कि छैल सिंह ने जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया. पहले तो लगा कि हल्की चोट आई है, लेकिन ऐसा नहीं था. पिटाई के बाद इंद्र की तबीयत खराब होने लगी तो उसे जालोर जिला अस्पताल ले गए. जालोर से उसी दिन उदयपुर रेफर कर दिया गया था. यहां भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो कुछ दिनों बाद अहमदाबाद ले गए थे. वहां इलाज के दौरान शनिवार सुबह करीब 11 बजे इंद्र की मौत हो गई.