आरोप है कि दुर्गा पूजा में सरपंच प्रतिनिधि ने दलितों से मारपीट की थी। जिससे आहत होकर दलितों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया।
नदी में प्रतिमा विसर्जित करते दलित परिवार
बारां के भूलोन गांव में 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया। दलित परिवार ने अपने घरों से देवी-देवताओं की प्रतिमा और चित्र बैथली नदी में विसर्जित कर दिए। कहा जा रहा है कि सवर्ण समाज के मारपीट से आहत होकर दलितों ने धर्म परिवर्तन कर लिया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल ने मां दुर्गा की पूजा और आरती की थी। जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने आरोप लगाया कि इससे आक्रोशित सरपंच प्रतिनिधि राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने दोनों दलित युवकों के साथ मारपीट की।
आरोप है कि मारपीट को लेकर समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर राष्ट्रपति तक न्याय की गुहार लगाई लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद दलित समाज ने शुक्रवार को आक्रोश रैली निकाली और बैथली नदी पहुंचकर देवी-देवताओं की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया।
दलितों ने मारपीट का आरोप लगाया
दलितों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया। आरोप है कि अब दलित परिवार को लगातार जाने से मारने और गांव से बाहर निकालने की धमकियां दी जा रही हैं। अगर आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार नहीं किया गया तो उपखंड कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं मामले को लेकर डीएसपी पूजा नागर ने बताया कि फरियादी ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसमें सरपंच प्रतिनिधि का नाम नहीं लिखा है। इसे राजनीति तूल दिया जा रहा है। मामले की जांच की जारी है।