सुरक्षित बचपन की मुहिम में राजस्थान ने रचा इतिहास, 3.5 लाख बच्चों ने बनाया ये विश्व रिकॉर्ड

दौसा. राजस्थान के दौसा जिले ने सुरक्षित बचपन (Safe childhood) की मुहिम को लेकर इतिहास रचा है. दौसा जिले के 2600 स्कूल के 3.5 लाख स्कूली बच्चों को एक साथ ‘गुड टच और बेड टच’ के बारे में जागरुक कर नया विश्व रिकॉर्ड (world record) बनाया गया है.

दौसा जिला कलेक्टर कमर चौधरी को प्रोविजनल सर्टिफिकेट सौंपते वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन के पदाधिकारी.

जिला कलेक्टर की एक मुहिम से दौसा जिले का ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज किया गया है. ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ की लंदन की टीम की ओर से इसका सत्यापन किए जाने के बाद दौसा के कलेक्टर कमर चौधरी को इसका प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया गया. अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम की ओर से डेटा वेरिफिकेशन और फाइनल ऑडिट के बाद जिले को फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

शनिवार का दिन दौसा जिले के लिए ऐतिहासिक रहा. शनिवार को दौसा जिले के 2600 स्कूलों में करीब 3.5 लाख स्कूली बच्चों को एक साथ समझ स्पर्शरी मुहिम के तहत ‘गुड टच और बेड टच’ के बारे में जागरुक करते हुये ट्रेनिंग दी गई. इसमें उन्हें बताया गया कि कौन सा स्पर्श अच्छा है और कौन सा बुरा ताकि बच्चों का बचपन सुरक्षित हो सके और बाल अपराधों में कमी आ सके.

260 मास्टर ट्रेनर्स ने स्कूलों में बच्चों को ट्रेनिंग दी
जिला कलेक्टर कमर चौधरी की इस पहल के तहत 260 मास्टर ट्रेनर्स ने स्कूलों में बच्चों को ट्रेनिंग दी. करीब 150 अधिकारियों ने पर्यवेक्षक के रूप में इन स्कूलों की विजिट की. इस दौरान वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड इंग्लैंड की टीम ने दौसा जिले के अनेकों स्कूलों में जाकर इस मुहिम में शामिल स्कूल एवं विद्यार्थियों के डेटा का सत्यापन किया. उसके बाद वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की टीम ने यह पाया कि दौसा जिले में करीब सवा तीन लाख से लेकर साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों ने एक साथ गुड टच- बेड टच की ट्रेनिंग ली है.

मुहिम से बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ
एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों द्वारा इस तरह की ट्रेनिंग लेना एक विश्व रिकॉर्ड है. उसके बाद लंदन की टीम ने दौसा जिला कलेक्टर कमर चौधरी को इसका प्रोविजनल सर्टिफिकेट सौंपा. इस दौरान वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन के वाइस प्रेसिडेंट प्रथम भल्ला भी मौजूद रहे. सुरक्षित बचपन के लिए दौसा जिले में चलाई जा रही समझ स्पर्शरी मुहिम से बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है. इससे उन्हें बुरे स्पर्श से छुटकारा भी मिलेगा और व उससे मुकाबला भी कर सकेंगी