राजस्थान: श्रीनाथजी मंदिर के आषाढ़ी तौल का पूर्वानुमान, देश में अगले बरस भी होगी अच्छी बारिश

राजसमंद. देश में इस साल ही नहीं बल्कि अगले साल 2023 में भी मानसून अच्छा (Good monsoon) रहने की उम्मीद है. राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित जगप्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में हुए आषाढ़ी तौल (Ashadhi taul of famous Shrinathji temple) के परिणाम में इसका पूर्वानुमान लगाया गया है. श्रीनाथजी मंदिर में बुधवार को 27 जींसों को तौलकर उनकी घटत-बढ़त के आधार पर बारिश सहित सालभर की गतिविधियों का पूर्वानुमान बताया गया. राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में स्थित पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर हर साल श्रीजी मंदिर के खर्च भंडार में आषाढ़ी तौल की परंपरा रही है. यह परंपरा 300 बरसों से चली आ रही है.

बुधवार को पूर्णिमा के अवसर पर 27 तरह के धान की वस्तुओं को तोड़कर मौसम से प्रभावित नहीं होने वाले स्थान पर तहखाने में परंपरा के अनुसार रखा गया. फिर प्रभु श्रीनाथजी के सम्मुख पुनः तौलकर अगले साल की पैदावार और व्यापार के लिए पूर्वानुमान लगाया गया. आषाढ़ी तौल में बारिश आषाढ़ में तीन आना, सावन में चार आना, भादवे में पांच आना बताई गई है. श्रीनाथजी खर्च भंडार के अधिकारी परेश नागर ने बताया कि अगली बार वायु पश्चिम दिशा की होने के कारण खंड वर्षा के आसार हैं. वहीं धान्य उत्तम रहने की उम्मीद है.

भविष्यवाणी के लिये अपनाई जाती है ये विधि
इस परंपरा के तहत 27 प्रकार के जींस और मिट्टी के चार पिंड को मौसम से प्रभावित नहीं होने वाले तहखानेनुमा कमरे में रखा जाता है. उसके 12 घंटे बाद उन्हें प्रभु श्रीनाथजी के सम्मुख फिर से तौला जाता है. तौल की इस प्रक्रिया में पुराने एक रुपये के सिक्के के बराबर चांदी के सिक्के से 27 प्रकार के अनाज के तौला जाता है. इससे पहले इन्हें कागज की पुड़िया में बंदकर सूती कपड़े में लपेटकर रस्सी से बांधकर एक मटके में बंद कर दिया जाता है. करीब 12 घंटे के बाद प्रभु श्रीनाथजी के सम्मुख फिर से अनाज को तौला जाता है.

जींसों में घटत-बढ़ तो भी आंका जाता है
इसी प्रकार विभिन्न जींसों में घटत-बढ़ तो भी आंका जाता है. इस बार हरा मूंग, मोठ, नमक और चारा कम निकला. सफेद मक्का, पीली मक्का में बढ़ोतरी हुई. ज्वार, बाजरा, साल सफेद, साल लाल, तिल्ली सफेद, उड़द, ग्वार, गेहूं, चना और सरसों जैसे प्रमुख अनाज में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. काली मिट्टी से मनुष्य के भाव से आधा रत्ती, लाल मिट्टी पशु के भाव से पाव रत्ती और घास में आधा रत्ती घटत दर्ज की गई है. इसके अनुसार धान्य को उत्तम, बारिश को सामान्य से अधिक और वायु को पश्चिमी होना बताया गया. इस साल मनुष्य, पशु और चारा घटने का अनुमान लगाया है।

300 बरसों से की जा रही है भविष्यवाणी
वर्तमान में दुनिया में मौसम के पूर्वानुमान अब कई वैज्ञानिक तरीके हैं, लेकिन प्रभु श्री नाथ जी की आषाढ़ी तौल पिछले 300 सालों से सटीक परिणाम बता रही है. ऐसे में उम्मीद है कि अगले साल मानसून अच्छा रहेगा और फसलें सामान्य से अधिक होगी. यह एक सुखद संकेत है. गत बार इस साल यानी 2022 में अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की गई थी.